कांग्रेस में करीब 50 साल तक रहे गुलाम नबी आजाद ने 2024 चुनाव के पहले जम्मू कश्मीर की जनता को 370 की बहाली से जुड़ी हकीकत से रूबरू कराया. साथ ही देश के सियासी पटल पर कांग्रेस के असल हालात के बारे में खुलकर बात की.
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नई दिल्ली : गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से करीब 50 साल पुराना रिश्ता तोड़ते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और अब वे अगले 10 दिनों में नई पार्टी के गठन की घोषणा कर देंगे. पार्टी का नाम क्या होगा, यह तो गुलाम नबी ने नहीं बताया, लेकिन अभी से एक बात जरूर स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी की विचारधारा बिल्कुल स्वतंत्र होगी. वह न तो किसी संगठन या पार्टी के साथ गठबंधन करेगी और न ही उसमें विलय और यह जिंदा रहते तो संभव नहीं है. केवल उनकी मौत के बाद ही ऐसा किया जा सकता है.
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गुलाम नबी आजाद जम्मू का दौरा पूरा करने के बाद रविवार को बारामुला में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि वह अनुच्छेद 370 का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं, लेकिन जब इसे हटाने का बिल लाया गया था तो उन्होंने विरोध किया था. उस समय 370 पर मेरे भाषण को कम से कम 200 देशों ने देखा है. उन्होंने तल्ख तेवर दिखते हुए कहा कि अगर उनका यह विरोध किसी को दिखाई नहीं दिया तो उसे अपनी आंखों का इलाज कराना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सिर्फ वोट के लिए अनुच्छेद 370 पर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे, क्योंकि सच्चाई यह है कि संसद में दो तिहाई बहुमत वाली सरकार ही इसे बहाल कर सकती है. उन्होंने कहा, न मैं, न कांग्रेस, न ही तृणमूल कांग्रेस, न डीएमके और न ही राष्ट्रवादी कांग्रेस ही 370 की वापसी करा सकती है. आजाद ने कहा, वह ऐसा कोई मुद्दा उठाएंगे ही नहीं जिस पर उनका कंट्रोल न हो.
कांग्रेस के बारे में कर दी यह 'भविष्यवाणी'
कांग्रेस को उनकी वर्तमान स्थिति की ओर ध्यान दिलाते गुलाम नबी ने कहा, राज्यसभा में कांग्रेस की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. उन्हें नहीं लगता कि कांग्रेस लोकसभा में कभी दो तिहाई सीटें जीत पाएगी, ऐसे में जनता को 370 पर गुमराह क्यों किया जाए. आजाद ने कहा, मैं लोगों को चांद-तारे दिलाने के सपने नहीं दिखा सकता.
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मैं BJP का आदमी नहीं, नबी का गुलाम हूं
गुलाम नबी ने कहा कि नई पार्टी उनके नाम की तरह ही आजाद होगी। जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जे की बहाली और रोजगार व भूमि पर स्थानीय लोगों के हक को सुरक्षित करना उनकी पार्टी का मुख्य एजेंडा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी पार्टी के खिलाफ नहीं है. सभी में उनके दोस्त है. कई लोग आरोप लगाते हैं कि मैं भाजपा का आदमी हूं, लेकिन मैं केवल गुलाम नबी, नबी का गुलाम हूं.
उन्होंने कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, उनके विचार जिंदा रहेंगे. मैं कभी हिंसा और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगूंगा. उन्होंने कहा, कई सहयोगियों ने उन्हें अपनी नई पार्टी का नाम आजाद रखने की सलाह दी है, लेकिन मैंने हमेशा इनकार किया है.