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Greater Noida News: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में रविवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मौजूद रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए 7914 छात्रों को उपाधि प्रदान की. मुख्यमंत्री गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुल अधिपति भी हैं और वह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहली बार शामिल हुए.
दरअसल गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में रविवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री बृजेश सिंह, औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल नंदी व कुलपति रविन्द्र कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में 7914 छात्रों को विद्या वाचस्पति, स्नातकोत्तर व स्नातक की डिग्री प्रदान की गई. इनमें से 242 को डॉक्टरेट उपाध्याय भी दी गई.
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का नाम गौतम बुद्ध के नाम पर रखा गया है. आज यहां पर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तर प्रदेश में मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी नंद गोपाल गुप्ता नंदी, बृजेश सिंह और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश सिन्हा भी मौजूद है. उन्होंने कहा कि हमारे बीच में शून्य से शिखर की यात्रा तक का सफर तय कर चुके उपराष्ट्रपति मौजूद है. दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले 7000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को में उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महात्मा बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा बुद्ध ने कहा था समस्या है तो पहले हमें उसे स्वीकार करना चाहिए चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए और फिर उनका समाधान तलाशना चाहिए. समस्या है तो उसका समाधान भी है, लेकिन हम समस्या को ही स्वीकार नहीं करते. उन्होंने कहा कि सबसे पहले समाधान का रास्ता चुनना चाहिए क्योंकि हर रास्ता मंजिल तक ही पहुंचता है. बुद्ध का जीवन अपने आप में बहुत रोमांचक और प्रेरणादाई है. उसे हमको किस स्वरूप में स्वीकार करना है. यह हम पर निर्भर करता है. शिक्षा के साथ जब तक व्यवहारिक ज्ञान नहीं होगा वह हमें सफल नहीं बनाएगा. जब तक हमारे शिक्षण संस्थानों में उपाधि धारक निकले उनके मन में कोई भृम नही होना चाहिए.
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में रविवार को हुए दीक्षांत समारोह में 370 विदेशी छात्र-छात्राओं को भी डिग्री दी गई. जिनमें विशेष रूप से वियतनाम, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, कोरिया, चीन, ताइवान, यमन, यूएसए, कनाडा, सूरीनाम, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान और मंगोलिया सहित अन्य देश शामिल है. गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने कम समय में ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी एक विशेष जगह बनाए.
Input: Pranav Bhardwaj