NDRF, SDRF, सिविल डिफेंस और गुरुग्राम पुलिस की टीमों ने करीब 4 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. सभी शव मिलने के बाद बच्चों के घरों में कोहराम मच गया. सरकार ने सभी पीड़ित परिवारों को 2 - 2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
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गुरुग्राम : सेक्टर 111 में आज शरद पूर्णिमा पर 6 घरों के चिराग बुझ गए. यहां बरसाती तालाब में नहाने गए 6 बच्चों की डूबकर मौत हो गई. उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन की तमाम टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गईं और करीब 4 घंटे के बाद सभी के शव बरामद कर लिए. जान गंवाने वाले सभी बच्चे 8 से 13 साल के थे और पास की कालोनी शंकर विहार के रहने वाले थे.
दरअसल बीते 2 दिन से गुरुग्राम में बारिश हो रही है और बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है. गुरुग्राम के सेक्टर 111 में भी जलभराव से बरसाती तालाब बन गया. रविवार दोपहर करीब 3 बजे 6 बच्चे नहाने के लिए पानी में घुस गए, लेकिन उन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि वह गहरे नाले की चपेट में आकर जान गंवा बैठेंगे.
हादसे की सूचना मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो तकरीबन 6 बच्चों के कपड़े तालाब के बाहर पड़े हुए मिले, लेकिन बच्चे आसपास नजर नहीं आए. बाद में NDRF, SDRF, सिविल डिफेंस और गुरुग्राम पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और नाले में डूबे सभी 6 शवों को निकाल लिया.
गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव की मानें 6 शव मिलने के बाद भी काफी देर तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. आसपास के इलाके में भी पूछताछ की जा रही है कि कहीं और कोई बच्चा तो इस तालाब में नहीं गया था. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की है. साथ ही हादसे के पीछे किसकी लापरवाही है, इसकी भी जांच की जाएगी।
सवाल ये उठता है की जिला प्रशासन और सरकार आखिर कब सबक लेगी और क्या मुआवजे की घोषणा करके ही पीड़ित परिजनों का दर्द बंट सकता है या फिर उन लोगों पर कोई कार्रवाई भी होगी, जो बारिश में जलभराव के लिए जिम्मेदार हैं.