Gurugram News: गुरुग्राम के नाथूपुर गांव में नगर निगम द्वारा तोड़फोड़ अभियान चलाया गया. इस दौरान नगर निगम ने आधा दर्जन मकानों को जमींदोज कर दिया. इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते में शामिल हुए ताकि तोड़फोड़ का विरोध करने वालों को रोका जा सके.
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गुरुग्राम: गुरुग्राम के नाथूपुर गांव में नगर निगम द्वारा अपनी जमीन को कब्जमुक्त करने के लिए तोड़फोड़ अभियान चलाया गया. इस तोड़फोड़ के दौरान गुरुग्राम पुलिस के 500 से ज्यादा जवान तैनात किए ताकि तोड़फोड़ का विरोध करने वालों निपटा जा सके. दरअसल, नाथूपुर की पंचायती जमीन जोकि अब नगर निगम के अंडर है इस पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किया हुआ था. करीब छह एकड़ जमीन पर हुए कब्जे को लेकर अदालत में भी केस विचाराधीन था. केस में सुनवाई के दौरान अदालत ने नगर निगम के हक में फैसला देते हुए निगम जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए कहा था.
इन आदेशों के तहत नगर निगम द्वारा यहां अवैध रूप से कब्जाकर बैठे लोगों को हटाने के साथ ही जमीन पर कब्जा लेना था. शुक्रवार को जब नगर निगम ने पहले दिन कार्रवाई की तो लोगों ने विरोध किया, लेकिन भारी पुलिसबल के कारण विरोध नहीं चल सका. सोमवार को दूसरे दिन जब टीम यहां पहुंची तो लोगों ने भारी विरोध करते हुए टीम को खदेड़ने का प्रयास किया. इस पर पुलिस को सख्ती दिखाते हुए विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ना पड़ा.
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दूसरे दिन तोड़फोड़ कार्रवाई के दौरान लोगों का गुस्सा नगर निगम अधिकारियों और पुलिस पर फूट पड़ा. स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया. इस दौरान कुछ लोगों ने नगर निगम टीम और पुलिस पर पथराव करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ दिया. घर में जमकर बैठे लोगों को बाहर निकालने के दौरान भी पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान एक व्यक्ति को चोट लग गई. एक महिला अपने मकान को टूटने से बचाने के लिए अपनी बालकनी की दीवार पर लटक गई और नीचे कूदने की कोशिश भी करने लगी. इस दौरान महिला और महिला के परिवार वालों का 1 घंटे हाई वोल्टेज ड्रामा चला और वह निगम की इस कार्रवाई पर सवाल उठाने लगे.
तोड़फोड़ अध्ययन के दौरान पता चला कि एक घर में अब से 2 दिन पहले मौत हो गई है और उनके घर वाले फिलहाल अपने बुजुर्ग की तेहरवीं तक का समय मांग रहे है जिसपे नगर निगम अधिकारियों ने उन्हें कुछ दिन की मौहलत दे दी है. वहीं परिवारवालों का कहना है कि 50 साल से ज्यादा उन्हें इस घर मे रहते-रहते हो चुके हैं. जब शुक्रवार के दिन तोड़फोड़ हुई थी उसी सदमे के कारण घर के एक बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया और उनकी जान चली गई है, जिसका जिम्मेदार प्रशासन है.
फिलहाल मामले में टीम ने विरोध के बीच आधा दर्जन अवैध निर्माणों को ढहा दिया है. टीम ने अन्य कब्जाधारियों को दो दिन का वक्त दिया है. इसके बाद यहां दोबारा पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले कार्रवाई के दौरान विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं, लोगों का कहना है कि वह नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ वह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
Input: योगेश कुमार