गुरुग्राम में इस साल अक्टूबर में लगेगा सरस आजीविका मेला 2022, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत की झलक
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गुरुग्राम में इस साल अक्टूबर में लगेगा सरस आजीविका मेला 2022, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत की झलक

इस मेले में भारत के कई राज्यों से 500 से ज्यादा महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी होगी, जो अपने हस्तनिर्मित सुंदर वस्तुएं इस मेले में लेकर आएंगी. 

गुरुग्राम में इस साल अक्टूबर में लगेगा सरस आजीविका मेला 2022, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत की झलक

देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्राम: भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) इस बार अक्टूबर में सरस आजीविका मेले (Saras aajeevika Mela) की तैयारियों में जूता है. इसके लिए मंत्रालय ने गुरुग्राम के सेक्टर 29 में पावर ग्रिड के सामने वाला विशाल मैदान बुक कराया है. मेले में देश के विभिन्न प्रांतों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. 

ऐसा पहली बार हो रहा है कि वर्ष में दूसरी बार गुरुग्राम में सरस आजीविका मेला आयोजित किया जाएगा. इस वर्ष अप्रैल में हरियाणा आजीविका मिशन ने सरस मेले का आयोजन किया था, लेकिन अक्टूबर में लगने वाले इस मेले का स्वरूप अपेक्षाकृत काफी बड़ा होगा.

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मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इस मेले में भारत के कई राज्यों से 500 से ज्यादा महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी होगी, जो अपने हस्तनिर्मित सुंदर वस्तुएं इस मेले में लेकर आएंगी. अक्टूबर में इस बार दशहरा और दीपावली दो बड़े त्योहार पड़ रहे हैं और त्योहारों में लोग खरीदारी भी करते हैं.

समझा जा रहा है कि त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए ही भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गुरुग्राम में यह सरस आजीविका मेला आयोजित करने का निर्णय लिया है. यह मेला 15 दिन चलेगा. लोगों को इस मेले में अलग-अलग प्रदेशों के प्रसिद्ध परिधान और वस्तुएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे. यही नहीं, बताया जा रहा है कि देश के 20 से ज्यादा राज्य इस मेले में अपने लाइव फूड स्टॉल भी लगाएंगे अर्थात मेले में आने वाले लोगों को उन राज्यों की विशेषता वाले लोकप्रिय व्यंजनों व खाद्य वस्तुओं का लुफ्त उठाने का पूरा अवसर मिलेगा. 

मिनी भारत के दर्शन 

ये व्यंजन मेले में ही आपके सामने बनाकर परोसे जाएंगे. इसके अलावा अलग-अलग प्रदेशों की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी दर्शकों को देखने को मिलेगी. अलग-अलग प्रदेशों के लोक कलाकार प्रतिदिन अपने प्रदेश के लोकप्रिय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. एक प्रकार से यह मेला भारत में अनेकता की एकता की झलक प्रस्तुत करेगा या यूं कहें कि दर्शकों को मेले में मिनी भारत के दर्शन होंगे.

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