कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हार्दिक पटेल 'नसबंदी' से थे परेशान या थी कुछ और वजह?
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कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हार्दिक पटेल 'नसबंदी' से थे परेशान या थी कुछ और वजह?

2015 में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अपने कड़े विरोध प्रदर्शन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल ने बुधवार को गुजरात कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. हार्दिक 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.

कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हार्दिक पटेल 'नसबंदी' से थे परेशान या थी कुछ और वजह?

नई दिल्ली : 2015 में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अपने कड़े विरोध प्रदर्शन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल ने बुधवार को गुजरात कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. हार्दिक पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. जुलाई 2020 में उन्हें गुजरात प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 

हार्दिक पटेल ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा. पत्र में उन्होंने लिखा- कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सिमटकर रह गई है, जबकि देश के लोगों को एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो. 

भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने हार्दिक का एक पुराना ट्वीट शेयर करते हुए लिखा-किसी कैप्शन की जरूरत नहीं. 

इस पुराने ट्वीट में हार्दिक ने मरते दम तक कांग्रेस न छोड़ने की बात कही थी, लेकिन वे कांग्रेस से काफी समय से नाराज चल रहे थे. राजनीति के जानकारों का मानना है कि हार्दिक गुजरात में पार्टी अध्यक्ष की भूमिका निभाना चाहते थे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.

अप्रैल में उनकी नाराजगी उस समय सामने आई थी, जब उन्होंने 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए कहा था- पार्टी में मेरी स्थिति एक नवविवाहित दूल्हे जैसी है, जिसकी शादी के ठीक बाद नसबंदी करा दी गई हो. मुझे पीसीसी की किसी भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाता है. कोई भी निर्णय लेने से पहले वे मुझसे सलाह नहीं लेते हैं तो इस पोस्ट का क्या मतलब है?

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इससे कुछ हद तक यह साफ हो जाता है कि उनका मन कांग्रेस से उचट गया था. इसी तरह एक गुजराती अखबार से बात करते हुए हार्दिक ने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बीजेपी की तारीफ की थी.

कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि हार्दिक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि वह पहले ही बीजेपी ज्वाइन न करने की बात कह चुके हैं, लेकिन इस बारे में बीजेपी की ओर से इस मुद्दे पर कोई बयान अब तक नहीं आया है. 

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