Haryana News: 73 की उम्र में चरखी दादरी के रामकिशन शर्मा ने रचा इतिहास, 8 साल में अपने नाम किए 263 मेडल
जीवन में कुछ पाने के लिए दृढ इच्छा शक्ति और हौंसले बुलंद हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. चरखी दादरी जिले के बाढड़ा निवासी बुजुर्ग एथलिट रामकिशन शर्मा ने यह सब कर दिखाया है.
Charkhi Dadri News: जीवन में कुछ पाने के लिए दृढ इच्छा शक्ति और हौंसले बुलंद हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. चरखी दादरी जिले के बाढड़ा निवासी बुजुर्ग एथलिट रामकिशन शर्मा ने यह सब कर दिखाया है. करीब 73 वर्षीय रामकिशन शर्मा ने ढलती उम्र में स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में 263 मेडल जीतकर इतिहास रचा है. मेडल मशीन के नाम से विख्यात बुजुर्ग खिलाड़ी को राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने की टीस है और मुख्यमंत्री से बुजुर्ग खिलाड़ियों को सम्मान दिलाने की गुहार लगाई है.
बता दें कि मूल रूप से भांडवा निवासी बुजुर्ग खिलाड़ी रामकिशन शर्मा 8 वर्ष पहले अनाज व्यापार का कारोबार करते थे. इसी दौरान एक खंड स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने के बाद खेल को जीवन का हिस्सा बनाया और कारोबार छोड़कर सारा ध्यान खेल के प्रति समर्पित कर दिया. उन्होंने अपने शानदार खेल प्रदर्शन की बदौलत महज 8 साल में अपार सफलता प्राप्त कर खास मुकाम हासिल करते हुए 263 मेडल अपने नाम किए हैं. देश व प्रदेश में अपनी खेल प्रतिभा की पताका लहराने वाले बुजुर्ग एथलिट ने विदेश धरती पर अपना दमखम दिखाया और दो अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कुल 6 गोल्ड मेडल भारत के लिए जीते.
अपना कारोबार छोड़कर जीवन को खेल के प्रति समर्पित कर देश व प्रदेश नाम रोशन करने वाले व युवाओं के प्रेरणास्त्रोत खिलाड़ी रामकिशन शर्मा को सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हुई हैं. वह खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने अपने खर्चे से जाते हैं. करीब 73 वर्षीय रामकिशन शर्मा दौड़, बाधा दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद, शॉटपुट आदि प्रतिस्पर्धाओं अभी तक कुल 263 मेडल हासिल कर चुके हैं, जिनमें उनके 6 अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल, नेशनल में 143 गोल्ड, 25 सिल्वर और 5 कांस्य पदक व स्टेट प्रतियोगिताओं के 84 गोल्ड मेडल शामिल हैं. रामकिशन शर्मा ने बताया कि उनकी तमन्ना है कि राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति उन्हें सम्मानित करें. ताकि वे प्रोत्साहित होकर अपने खेल को जारी रख सके और देश व प्रदेश के लिए और मेडल हासिल कर सके.
Input: Pushpender Kumar