भिवानी: हरियाणा में चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी के नेता अपनों को मनाने और वोटरों की समस्याओं को जिले-जिले और गांव-गांव पहुंचकर सुलझाने में लग गए हैं. खुद सीएम मनोहर लाल ने मोर्चा संभालते हुए भिवानी में जनसंवाद किया. इतना ही नहीं उन्होंने खेत-खेत घूमकर बारिश से तबाह फसल का मुआयना किया और गिरदावरी करवाकर किसानों को जल्द मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया है.


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वहीं ई टेंडरिंग के मुद्दे पर सरपंचों और सरकार में चल रहे घमासान के बीच सीएम ने कहा है कि ज्यादातर सरपंच उनके साथ आ गए हैं. बीजेपी के नेताओं ने जनसंवाद कार्यक्रम को सफल बताया है, लेकिन ये कितना सही है. आइए हम इसे ऐसे समझने की कोशिश करते हैं. दरअसल भिवानी के सरपंचों ने सीएम के भिवानी दौरे पर सवाल उठाए हैं. 


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ई टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल को लेकर हरियाणा सरकार व सरपंचों में करीब 3-4 महीने से विवाद चल रहा है. अपनी मांगों को लेकर पंचकूला में प्रदर्शन के दौरान पुलिस सरपंचों पर लाठियां भी भांज चुकी हैं. अपने तीन दिवसीय दौरे पर सीएम मनोहर लाल भिवानी में हर गांव में जाकर ई टेंडरिंग को सही बताते  नजर आए. सीएम ने कहा कि 50-50 लाख रुपये खर्च करके सरपंच जिस मकसद के लिए बनते हैं, उसे किसी भी सूरत में पूरा नहीं होने दिया जाएगा. इसके अलावा कई गांवों में सीएम द्वारा सरपंच प्रतिनिधि की बजाय खुद महिला सरपंच को अगुवाई करने का मौका देने से भी सरपंचों में रोष है.


सवाल जवाब के लिए सीएम ने अपने लोगों को रखा पास 
बीते दिन हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान व कालुवास गांव के सरपंच आशीष बेनीवाल और केलिंगा गांव के सरपंच रमेश परमार ने सीएम के दौरे व इनके बयानों को निंदनीय बताया. सरपंचों का आरोप है कि सीएम के हर कार्यक्रम में जानबूझकर चुनिंदा लोगों की ही एंट्री करवाई गई. रमेश परमार ने तो यहां तक कहा कि सीएम जिन गांवों में भी गए, उनके ही लोग आसपास रहे और सीएम उनसे ही सवाल जवाब करते थे.


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सीएम पर सत्ता के नशे में चूर होने का आरोप 
आशीष बेनीवाल ने 50 लाख खर्च करने वाले मुख्यमंत्री के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा-सीएम बताएं कि क्या पैसे खर्च करके विधायक नहीं बनते. क्या सरपंच कभी विधायकों की तरह पैसे या शराब बांटते और ईवीएम हैक करते पकड़े गए. सरपंचों ने चुनौती देते हुए कहा कि सीएम पंचायतों की तहत विधानसभा में महिलाओं का 50 फीसदी कोटा तय करके दिखाएं. उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर सीएम अपने से बड़ा किसी को नहीं मानते और अब तो वह जज पर विवादित टिप्पणी कर कोर्ट की भी अवमानना करने लगे हैं.


केलिंगा में रविवार को होगी महापंचायत 
रमेश परमार ने कहा कि केलिंगा बहुत पुराने समय से संघी गांव है. हमेशा भाजपा का साथ दिया है. सीएम जब पहली बार गांव आए तो बहुत सी उम्मीदें थीं, पर उन्होंने कोई बड़ी घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण इसलिए दिया है ताकि महिला मतदाता सरकार के खिलाफ आवाज न उठाएं. रमेश परमार ने आरोप लगाया कि सीएम के जनसंवाद कार्यक्रम में गांवों के गण्यमान्य लोगों को रोका गया और सीएम अपने साथ आए अपने गांव के लोगों से ही सवाल जवाब करते रहे. उन्होंने कहा कि सीएम के प्रति गांव के लोगों में रोष है और रविवार को महापंचायत कर कोई बड़ा फैसला किया जाएगा.


इनपुट: नवीन शर्मा