चौधरी बिरेंदर सिंह ने कहा कांग्रेस में लीडरशिप की कमी, वहीं BJP के लिए कही ये बात
यमुनानगर में एक शादी समारोह में उपस्थित हुए चौधरी बिरेंदर सिंह ने कहा कि किसानों को डरा धमका कर नहीं उन्हें प्यार से खुश रखा जा सकता है. वहीं कांग्रेस में लीडरशिप की कमी की कही बात...
कुलवंत सिह/यमुनानगर: पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बिरेंदर सिंह का कहना है कि किसानों को डरा धमका कर नहीं उन्हें प्यार से खुश रखा जा सकता है. यमुनानगर में एक शादी समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए चौधरी बिरेंद्र सिंह ने कहा कि 13 महीने के किसानों के संघर्ष में प्रधानमंत्री ने भी कह दिया कि मेरी भक्ति व तपस्या में कमी रह गई, जो किसानों के एक सेक्शन को समझा नहीं सका. इसके लिए तीनों कानूनों को वापस लेते हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा सभी राजनीतिक दलों को सुझाव है कि किसानों को समझना चाहिए, उन्हें खुश रखना चाहिए, क्योंकि 100 में से 60 वोट इन्हीं के हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान मैं बार-बार कहता रहा कि इनसे बात करनी चाहिए, लेकिन मेरी नहीं सुनी गई. उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन बीजेपी उसका लाभ नहीं ले सकी.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो एंटी डिफेक्शन लॉ है उसमें संशोधन की जरूरत है. व्यक्ति की आजादी होनी चाहिए. जिस समय एंटी डिफेक्शन लॉ लागू किया गया था. उसके उस समय कई कारण थे, लेकिन अब इसमें संशोधन की जरूरत है.
चौधरी बिरेंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने देश में 75 में से 55 साल राज किया, वह सत्ता में खो जाते हैं. उनमें लड़ाई होना जरूरी है. उन्होंने कहा हरियाणा में किरण चौधरी अलग बोलती हैं. कुमारी सैलजा अलग बोलती हैं. रणदीप सुरजेवाला अलग बोलते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा अलग बोलते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक सुख भोगा है. उसी के चलते ऐसा हो रहा है. वहीं राहुल गांधी की यात्रा का उन्होंने कहा कि इसका कांग्रेस को लाभ मिलेगा. कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, लेकिन आज कांग्रेस में लीडरशिप की कमी है, लीडरशिप मिसिंग है. वह चाहते हैं कि कांग्रेसी जैसी बड़ी पार्टी विपक्ष की भूमिका में रहे, क्योंकि उसकी बड़ी सोच है.
केंद्रीय बजट को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन-चार साल से लोगों को स्लैब के बनाए जाने के बारे में इंतजार था. उन्होंने कहा कि जो आर्थिक सुधार नरसिम्हा राव सरकार में शुरू हुए थे और मनमोहन सिंह की सोच का हिस्सा थे. उनका लाभ उद्योग को भी मिला है. चाहे बीजेपी की सरकार रही या कांग्रेस की, लेकिन किसानों को उनका हक नहीं मिला. आर्थिक सुधार में गरीब और किसान को भी हक मिलना चाहिए था.