Haryana News: फतेहाबाद में 'खराब हवा' से लोग परेशान, एक महीने से सितम जारी
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Haryana News: फतेहाबाद में 'खराब हवा' से लोग परेशान, एक महीने से सितम जारी

Haryana News: फतेहाबाद में वायु प्रदूषण अब भी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. यहां का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 दर्ज किया गया है. पिछले एक महीने से फतेहाबाद में हवा की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

Haryana News: फतेहाबाद में 'खराब हवा' से लोग परेशान, एक महीने से सितम जारी

Haryana News: फतेहाबाद में लगातार हवा की गुणवत्ता खराब होते जा रही है. बीते कई दिनों से फतेबाद की हवा 'जहरीली' बनी हुई है, जिले में लगातार लोग प्रदूषण की मार को झेल रहे हैं. प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदूषण की वजह से लोग परेशान
फतेहाबाद में वायु प्रदूषण अब भी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. यहां का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 दर्ज किया गया है. पिछले एक महीने से फतेहाबाद में हवा की स्थिति गंभीर बनी हुई है. फतेहाबाद में इस हालत से छुटकारा पाने के लिए, जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों, माईनिंग एक्टिविटीज, कूड़े में आग लगाने सहित कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है. इसके साथ ही जिले में पराली को जलाने पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं.

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सांस के मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत
फतेहाबाद में वायु प्रदूषण को लेकर हालत बेहद गंभीर बने हुए हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स में कोई सुधार नहीं हो रहा. पिछले एक महीने से फतेहाबाद के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे हैं. हालत यह हो गई है कि आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले के संक्रमण की समस्या को लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. फतेहाबाद में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 दर्ज किया गया, जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है. चिकित्सकों की मानें तो प्रदूषण का यह स्तर सांस के रोगियों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है, ऐसे में सांस के रोगियों को एहतियात बरतने की जरूरत है.

पराली को जलना है बदस्तूर जारी
वहीं, प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए प्रशासन द्वारा जिले में धारा 144 लगाकर पाबंदियां भी लगाई हैं, जिनमें निर्माण कार्यों में रोक, कूड़े में आग लगाने पर रोक, माईनिंग गतिविधियों पर रोक शामिल हैं. पाबंदियों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है. लोगों की मानें तो फतेहाबाद में प्रदूषण को बड़ा कारण पराली का जलना है. अब तक जिले में पराली जलाए जाने के 500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और आगजनी करने वाले किसानों पर 7 लाख से अधिक का जुर्माना भी किया जा चुका है, मगर पराली का जलना बददस्तूर जारी है और खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

INPUT- Ajay Mehta

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