Haryana News: हरियाणा में फैमिली कार्ड की वजह से बीपील कार्ड कटने से लोग परेशान है और इसी बीच रेवाड़ी में भी दो परिवार ऐसे हैं जिन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है और अब उनका राशन कार्ड भी रद्द कर दिया गया है.
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पवन कुमार/ रेवाड़ी: हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना (Mukhyamantri Antyodaya Parivar Utthan Yojana) चलाकर गरीबों का उत्थान करने की बातें तो कर रही है, लेकिन धरातल पर काफी ऐसे जरूरतमंद परिवार है. जिन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. रेवाड़ी जिले के गांव काकोडिया के भी ऐसे दो परिवार है. जो सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आजतक उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. फैमली आईडी (Family ID) बनने के बाद तो बीपीएल राशन कार्ड (BPL Ration Card) भी कट गया. जबकि दोनों परिवारों की आय एक लाख 80 हजार रूपये से कम वेरीफाईड है.
एक गांव काकोडिया निवासी रमेश कुमार का है. रमेश कुमार खुद 40 फीसदी दिव्यांग है. पत्नी 60 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग है. 24 साल का बेटा हरकेश 100 फीसदी निशक्त है. रमेश जो खुद ई-रिक्शा चलाते है. जिनके पास खुद का मकान तक नहीं है. वो अपनी बहन के मकान में रहते है. परिवार पहचान पत्र (Parivaar Pehchan Patra) बनने से पहले उनका परिवार गरीबी रेखा में था, लेकिन अब बीपीएल राशन कार्ड भी काट दिया गया है. सिस्टम की उदासीनता देखिये कि 100 फीसदी निशक्त बेटे की आजतक पेंशन नहीं बन पाई है. हैरानी की बात ये है कि आधार कार्ड (Aadhar Card)
भी डीसी के सामने पेश होने के बाद एक महीने पहले ही बनाया गया है.
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इस गाँव का दूसरा परिवार सरोज का है. सरोज के पति मजदूरी करते है और इन दोनों के 4 बच्चे है. जिनमें से 2 बच्चों की बचपन से ही आँखों में रोशनी नहीं है. लम्बे समय से ये परिवार भी आर्थिक मदद के लिए शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद किसी रिश्तेदार ने दिल्ली में एनजीओ का पता दिया और अब दोनों बच्चे एनजीओ में पढ़ रहे हैं. सरोज का कहना है कि कोरोना काल में जैसे-तैसे उन्होंने गेंहू लेने के लिये राशन कार्ड बनवाया था. अब फैमली आईडी बनने के बाद फिर से राशन कार्ड कट गया है. इनकी फैमली आईडी में भी आय एक लाख 80 हजार से कम वेरीफाई है, लेकिन बीपीएल राशन कार्ड नहीं बन पाया.
दोनों परिवारों की समस्याओं को देखते हुए समाजसेवियों ने भी मदद की. गांव की ही रहने वाली समाजसेविका ने निशक्त हरकेश का आधार कार्ड बनवाया और अब पेंशन के लिए भी कोशिश कर रही है. जबकि एडवोकेट कैलाशचंद ने भी संबंधित विभाग जिला उपायुक्त और मुख्यमंत्री को मेल करके शिकायत भेजी है. एक दिन पहले ये परिवार डीसी कार्यालय भी पहुंचा था, लेकिन वहां उनकी किसी से मुलाकात नहीं हो पाई थी.
बता दें कि दिव्यांगता की पेंशन के लिए लाभार्थी कि उम्र 18 साल से ज्यादा और 60 फीसदी से ज्यादा निशक्त होना दिव्यांगता प्रमाण पत्र (Handicap Certificate) बनाने का नियम है. रमेश का बेटा हरकेश 24 वर्ष का हो चूका बावजूद इसके आजतक हरकेश की पेंशन नहीं बन पाई है. वहीं फैमली आईडी के कारण बीपीएल राशन कार्ड ना बनाना या कट जाने की समस्या काफी परिवारों को झेलनी पड़ रही है. इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को भी जिला अधिकारियों के साथ बैठक करके खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है. ऐसे में देखना होगा कि कैसे सरकार का अंत्योदय का सपना पूरा होगा.