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अनुष्का गर्ग/ नई दिल्ली: हरियाणा में पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए साइड इवेंट का भी आयोजन हुआ. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिनके पास पर्यावरण विभाग है और वन और शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने वृक्षारोपण और हरियाली अभियान में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है.
मिशन लाइफ (Mission life) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने अक्टूबर 2022 में गुजरात के एकता नगर में लॉन्च किया था. डॉ विवेक सक्सेना ने ग्लासगो (Glasgow) यूके में सीओपी 26 (COP-26) के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की जलवायु कार्रवाई और प्रतिबद्धताओं के पांच अमृत तत्वों (पंचामृत) के साथ जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को दर्शाने के लिए हरियाणा राज्य की पहल को पेश किया. हरियाणा की जलवायु कार्रवाईयां वैश्विक अभियान के हिस्से के रूप में विश्व पर्यावरण दिवस 2022 (World Environment 2022) के अवसर पर शुरू किए गए . LIFE पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक तय जीवन शैली को अपनाने को भी संबोधित करती हैं. साइड इवेंट ने हरियाणा सरकार की पहल को प्रदर्शित किया, जो 2070 तक जलवायु लक्ष्यों और जलवायु के बैलेंस के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं का समर्थन करती है.
हरियाणा राज्य ने एग्रोफोरेस्ट्री (Agroforestry) और ट्रीज़ आउटसाइड फ़ॉरेस्ट (TOF) को बढ़ावा देने में खुद एक बड़ा उदाहरण पेश किया है. वन की कमी वाले राज्य होने के बावजूद, वन के तहत केवल 3.5% क्षेत्र के साथ, गैर-वन क्षेत्रों से प्राप्त कृषि-आधारित लकड़ी लगभग 50% प्लाईवुड उत्पादन का समर्थन करती है. देश का कृषि आधारित लकड़ी उद्योगों और TOF के समर्थन के माध्यम से हरित लाइफस्टाइल पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते (Paris Climate Change Agreement) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के माध्यम से भारत की प्रतिबद्धताओं में योगदान की सुविधा प्रदान करती है. हरियाणा राज्य भी यूएसएड समर्थित TOF (भारत में trees आउटसाइड फॉरेस्ट) कार्यक्रम का एक हिस्सा है- जिसे भारत के सात राज्यों में लागू किया जाना है. TOF कार्यक्रम 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने की योजना में शामिल होगा और TOF के तहत 2.8 मिलियन हेक्टेयर नई भूमि को वनों से कवर करेगा.
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए नए शोध की आवश्यकता है, जो मौजूदा विषयों से बंधा नहीं है. हरियाणा सरकार ने बजटीय घोषणा के हिस्से के रूप में कृषि और आजीविका पर जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित प्रभाव को दूर करने के लिए ऐसे विषयगत क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया है. साइड इवेंट विषयगत क्षेत्रों- जल (जल), वायु (वायु), पृथ्वी (भूमि), जंगल (वनीकरण और पारिस्थितिकी) और ऊर्जा (ऊर्जा) पर केंद्रित छह और विषय केंद्रों की स्थापना के माध्यम से जलवायु कार्रवाई की शुरुआत का प्रदर्शन करेगा और रिसर्च की शुरुआत करेगा. अपशिष्ट से उपयोगी उत्पादों (अपशिष्ट से धन) बनाने की टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकियां को भी बढ़ावा दिया जाएगा.