Manu Bhaker: भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले के फाइनल में पहुंच गई हैं. वह रविवार, 28 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे से शुरू होने वाले फाइनल में पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी. मनु ने क्वालिफिकेशन राउंड में 600 में से 580 का स्कोर हासिल किया.
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Manu Bhaker in Final: पेरिस ओलंपिक में पहला ही दिन भारत के लिए खुशीभरा रहा. शूटिंग स्पर्धाओं के पहले दिन, मनु भाकर ने 27 निशाने लगाकार फाइनल में जगह बनाई और भारत के लिए अच्छी खबर लाईं. 10 मीटर एयर पिस्टल महिला कंपटिशन में रिदम सांगवान ने भी मनु भाकर के साथ थीं और अच्छी शुरुआत की, लेकिन तीसरी सीरीज के बाद खराब प्रदर्शन के कारण वह शीर्ष 8 में जगह बनाने से चूक गईं और 15वें स्थान पर रहीं. पिछली दो शूटिंग प्रतियोगिताएं में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यह भारत के लिए आज की पहली अच्छी खबर रही.
पुरुषों की टीम ने खाई 'मात'
इससे पहले, अर्जुन सिंह और सरबजोत पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल के मुकाबले में लिए क्वालीफाई करने से चूक गए. सरबजोत फाइनल में मामूली अंतर से पीछे रह गए और क्वालिफिकेशन राउंड में जर्मनी के रॉबिन वाल्टर से पीछे नौवें स्थान पर रहे. भारतीय निशानेबाज ने 60 शॉट के बाद 577 अंक हासिल किए और वाल्टर की बराबरी पर रहे, लेकिन जर्मन निशानेबाज ने सरबजोत से एक अधिक इनर-10 मारा और फाइनल में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया.
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इससे पहले असफल रहे खिलाड़ी
एक अन्य भारतीय निशानेबाज चीमा क्वालिफिकेशन राउंड में कुल 574 अंक और 17 इनर-10 के साथ 18वें स्थान पर रहे. इससे पहले अर्जुन बबुता- रमिता जिंदल और एलावेनिल वलारिवान-संदीप सिंह 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम प्रत्योगिता के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से मात खा गए. रमिता और अर्जुन ने 30 शॉट्स की श्रृंखला में कुल 628.7 अंक बनाए, जबकि अन्य भारतीय टीम, एलावेनिल वलारिवन और संदीप सिंह 626.3 अंकों के साथ 12वें स्थान पर रहे.
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं मनू भाकर
बता दें कि मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में एक जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता, राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजिनियर थे. 14 साल की उम्र तक मनु भाकर ने अन्य खेलों जैसे ह्येन लैंगलोन (एक मणिपुरी मार्शल आर्ट) के साथ-साथ मुक्केबाजी, टेनिस और स्केटिंग में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया और इन प्रत्योगिताओं में राष्ट्रीय खेलों में पदक जीते.
छोटी उम्र में छोड़ी छाप
इससे पहले मनु भाकर ने साल 2018 आईएसएसएफ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करके एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी, जहां उन्होंने दो स्वर्ण पदक हासिल किए. विशेष रूप से, वह आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं. 16 साल की उम्र में राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रत्योगिता में स्वर्ण पदक जीता. इसके अलावा उन्होंने ईशा सिंह और रिदम सांगवान के साथ एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम प्रत्योगिता में टीम स्वर्ण जीतकर भारत की सफलता में योगदान दिया.