Haryana News: मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वप्रथम वर्ष 2014 में जब उन्होंने हरियाणा की सत्ता की बागडोर संभाली थी तो उस समय उन्होंने बिजली सुधार का संकल्प लिया था और वर्ष 2015 में तत्कालीन भिवानी जिले के बाढड़ा में जहां बिजली को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन हुए, वहां पर आयोजित रैली में उन्होंने उपस्थित लोगों से झोली फैलाकर बिजली के बिल भरने की अपील की थी.
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Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि राज्यों के बिजली विनियामक आयोगों का जिस उद्देश्य को लेकर गठन किया गया था उस दिशा में उपभोक्ताओं के हितों में बड़ी सेवा कर रहे हैं तथा अपने स्तर पर बिजली सुधार में सकारात्मक कार्य कर रहे हैं. जिसके फलस्वरूप हरियाणा की सभी बिजली कंपनियां पहली बार मुनाफे में पहुंची हैं.
बिजली विभाग के कार्यक्रम में थे सीएम
मुख्यमंत्री आज हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के गठन की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित बिजली विनियामक आयोगों के क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने आयोग के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि बिजली डिस्कॉम कंपनियां वित्त क्षेत्र की सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम में से एक है. बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 'उदय' स्कीम लागू की गई थी. हरियाणा सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप बिजली कंपनियों का 25,950 करोड़ रुपये का घाटा सरकार ने अपने स्तर पर वहन किया और आज हरियाणा की सभी चारों बिजली कंपनियां मुनाफे में चल रही हैं.
2014 में लिया था संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वप्रथम वर्ष 2014 में जब उन्होंने हरियाणा की सत्ता की बागडोर संभाली थी तो उस समय उन्होंने बिजली सुधार का संकल्प लिया था और वर्ष 2015 में तत्कालीन भिवानी जिले के बाढड़ा में जहां बिजली को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन हुए, वहां पर आयोजित रैली में उन्होंने उपस्थित लोगों से झोली फैलाकर बिजली के बिल भरने की अपील की थी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अपील का लोगों पर इतना असर हुआ कि लोग स्वयं बिजली के बिल भरने के लिए आगे आ रहे हैं. जिसके फलस्वरूप "म्हारा गांव, जगमग गांव" योजना के तहत प्रदेश के 5745 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सम्भव हो पाई है. इतना ही नहीं पिछले 9 वर्षों में बिजली बिलों के रेट भी नहीं बढ़ाये गए हैं.
लाइन लॉसेस 34 से घटकर 15 प्रतिशत तक पहुंचा
उन्होंने कहा कि लाइन लॉसेस भी 34 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत कम हो गया है. उन्होंने कहा कि लोगों की बिजली पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. कृषि क्षेत्र को सब्सिडी के रूप में बड़ी राशि दी जाती है. हरित ऊर्जा को विकल्प के तौर पर अपनाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं. PM कुसुम योजना के तहत पिछले वर्ष हरियाणा में 53000 कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा पर लाया गया था. इस वर्ष 70000 कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा पर लाने का लक्ष्य रखा गया है. आयोग के चेयरमैन आर के पचनंदा ने अपने स्वागतीय भाषण में कार्यक्रम में पहुचने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और आयोग की गतिविधियों से अवगत करवाया. इस अवसर पर हरियाणा बिजली निगमों के चेयरमैन पी के दास, पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार, आयोग के सदस्य श्री नरेश सरदाना के अलावा विभिन्न राज्यों के बिजली विनियामक आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे.
INPUT- Vijay Rana