सुनो सरकार! प्रॉपर्टी आईडी नहीं, उसकी खामियों ने रचा 'इतिहास', मालिकों में मचा हाहाकार
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सुनो सरकार! प्रॉपर्टी आईडी नहीं, उसकी खामियों ने रचा 'इतिहास', मालिकों में मचा हाहाकार

Haryana Property ID: हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे का काम जिस कंपनी को सौंपा गया, उसकी गलतियां परेशानी का सबब बन चुकी हैं. किसी का टैक्स किसी के खाते में जोड़ दिया गया तो कहीं नाम और फोटो बदल दिए गए. अधिकारियों के काम में भी जूं नहीं रेंग रही. 

सुनो सरकार! प्रॉपर्टी आईडी नहीं, उसकी खामियों ने रचा 'इतिहास', मालिकों में मचा हाहाकार

नई दिल्ली: हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे का काम जमीन मालिकों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. सर्वे कर रही कंपनी याशी की गलती का खामियाजा जमीन के मालिक भुगत रहे हैं. लोगों का आरोप है कि कंपनी ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से सर्वे कर प्रॉपर्टी ID बनाई. कंपनी ने सर्वे को जल्द से जल्द निपटाकर ऐसा रायता फैलाया कि उसे साफ करने में नगर निगम के भी पसीने छूट चुके हैं.

गलत जानकारी चढ़ाकर बना दिया डिफॉल्टर 
दूसरी ओर निकाय विभाग राशि वसूली में वृद्धि का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कंपनी की गलतियों को निगम ठीक करने में नाकाम रही है. नियमों के अनुसार बनने वाले प्रॉपर्टी टैक्स के मुकाबले दस गुना राशि संपत्ति मालिकों के नाम चढ़ गई और उन्हें डिफॉल्टर बना दिया गया है. अब संपत्ति मालिक ऑनलाइन रिकॉर्ड दुरुस्त करवाने के लिए हाउस टैक्स ब्रांच कर्मचारी से लेकर निगमायुक्त के चक्कर काट रहे हैं. 

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कंपनी की गलती पर नहीं दिया गया ध्यान 
बीते दिनों शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने भी ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में कहा था कि प्रॉपर्टी आईडी को ऑनलाइन करवाने में इतिहास रच दिया, लेकिन गलतियां करने में कंपनी ने जो इतिहास रचा, उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया, न ही किसी तरह की कार्रवाई की गई. सर्वे के दौरान किसी का टैक्स किसी के खाते में जोड़ दिया गया. 

प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर घोटाले का आरोप 
प्रॉपर्टी आईडी को लेकर आ रही समस्याओं को लेकर लोगों में नाराजगी है. उनका कहना है कि प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर यह घोटाला है. एक और सरकार ब्याज माफी की घोषणा करती है, वहीं दूसरी और उनकी प्रॉपर्टी आईडी ही ठीक नहीं है, फिर ब्याज माफी का फायदा किसे मिलेगा.

लोगों ने सवाल उठाया कि हरियाणा में क्या कंपनियों की कमी थी, जो बाहर की कंपनी को यहां सर्वे करने का ठेका दे दिया गया. उनका यह भी कहना है कि सरकार की घोषणा अच्छी है, लेकिन उसे ढंग से लागू किया जा रहा है या नहीं, यह देखना भी सरकार का काम है. 

दस्तावेज सही करने का मिले विकल्प 
एक व्यक्ति ने बताया कि कंपनी की लापरवाही की वजह से प्रॉपर्टी आईडी में नाम, फोटो तक बदल गए हैं. अधिकारी समस्या सुनने को राजी नहीं होते। लोगों ने सरकार से समस्या के जल्द निदान की मांग की. साथ ही यह भी कहा कि प्रॉपर्टी मालिकों को नाम, पते आदि को सही करने के लिया ऑनलाइन ही ऑप्शन दिया जाए, ताकि उन्हें अधिकारियों के चक्कर न लगाना पड़े. 

इनपुट : अमित चौधरी