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Haryana SYL Dispute: हरियाणा पंजाब के बीच काफी लंबे समय से एसवाईएल के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है. हाई कोर्ट में मामले का हल निकालने के बावजूद हरियाणा को पानी नहीं मिल पा रहा है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें सख्त आदेश के लिए मजबूर न करें. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आवंटित जमीन पर सर्वे करने के आदेश भी दिए. हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज का बयान सामने आया है.
अनिल विज कहा कि ने कहा कि मैं आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिल की गहराईयों से स्वागत करता हूं, क्योंकि हरियाणा की जनता एसवाईएल (SYL) का पानी लेने के लिए सालों से इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि एसवाईएल के पानी का इंतजार खेतों और लोगों को है, लेकिन पंजाब अपनी हठधर्मिता नहीं छोड रहा है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि जिस प्रकार से आज सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को कहा है इसका रास्ता प्रषस्त होगा और एसवाईएल जल्द ही बनकर तैयार होगी.
एसवाईएल में केन्द्र के हस्तक्षेप के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बातचीत का रास्ता सदा खुला रहना चाहिए और कभी बंद नहीं होना चाहिए, लेकिन केन्द्र सरकारों द्वारा पहले भी प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन पंजाब मानता नहीं है. जब पंजाब नहीं मानता है तो सुप्रीम कोर्ट ही हल करेगा.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हरियाणा को पानी न देने के बारे में दिए गए ब्यान के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मामला सुप्रीम कोर्ट के मार्फत है और पंजाब के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहें तो इन्हें माकूल जवाब दिया जाएगा. जनता और मीडिया में कुछ भी कहना एक अलग बात है.
पंजाब के मुख्यमंत्रियों द्वारा अपनी विधानसभा में एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा के विरुद्ध दिए गए प्रस्ताव के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि हमारा संघीय ढांचा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भिन्न-भिन्न राज्य भिन्न-भिन्न तरीके से संविधान पर कार्य करें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को उच्चतम न्यायालय इसलिए माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट इंसाफ करेगा. उन्होंने कहा कि यह मामला आगे बढ़ रहा है और मैंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को पढ़ा है और निर्णय की शार्पनेस को जाना है.
चौधरी बीरेन्द्र सिंह द्वारा दिए गए ब्यान पर उन्होंने कहा कि वैसे तो खुले तौर पर बात नहीं करनी चाहिए और अंदर बैठकर बात करने का उन्हें अवसर मिला है और हर समय उन्हें दिया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा का गठबंधन हाईकमान ने किया है और हम हाईकमान के हुकुम को निभा रहे हैं. साथ ही कहा कि आई डांट वांट टू रष एनी अर्ली कन्कलुजन.
मस्कुलर ड्रिस्टाफी समेत 55 दुर्लभ बीमारियों से पीडित रोगियों के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में घोषण कर दी है और इस बारे में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मस्कुलर ड्रिस्टाफी की महंगी दवाई आती है और केन्द्र सरकार सभी फ्री देती है, जिसके तहत इस क्षेत्र के लिए मैडीकल रिपोर्ट पीजीआई चंडीगढ़ की होनी चाहिए और रोगी को वित्तीय सहायता मिलती है.