Ram Rahim : हरियाणा सरकार में जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने राम रहीम के सत्संग में कई भाजपा नेताओं के शामिल होने पर कहा कि सत्संग के शामिल होने वाले लोगों की यह अपनी निजी आस्था है. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम की निजी जिंदगी है. वह कुछ भी करें, यह उनका निजी अधिकार है.
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विजय कुमार/ सिरसा : हरियाणा के चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) इन दिनों पैरोल पर है. रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहे राम रहीम ने आज यूपी के बागपत आश्रम में ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया. इस सत्संग में हरियाणा पंचायत चुनाव के कई उम्मीदवारों के अलावा हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा भी डेरा प्रमुख का आशीर्वाद लेते नजर आए.
इस दौरान हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि परमपिता से अब ये गुजारिश कि आप खुद मालिक हैं. वर्चुअल की जगह साक्षात दर्शन दें. मेरा यह सौभाग्य है कि मेरा जन्म डेरे बनने के समय का है. मेरा सारा परिवार यहां आया हुआ है.
बीजेपी देख रही राजनीतिक फायदा
इधर राम रहीम के दरबार में रणबीर सिंह गंगवा के पहुंचने पर अंशुल छत्रपति ने आपत्ति जताई है. अंशुल पत्रकार रामचंद्र का बेटा है, जिसकी हत्या के मामले में राम रहीम को दोषी ठहराया गया था. अंशुल छत्रपति ने कहा कि राम रहीम बलात्कारी और हत्यारा है, लेकिन भाजपा सहित अनेक राजनीतिक दलों का राम रहीम और डेरा सच्चा सौदा से प्रेम लगातार बढ़ता जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि आदमपुर और पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा राम रहीम के आगे नतमस्तक होती है. भाजपा आदमपुर और पंचायत चुनावों को लेकर राम रहीम का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा एक क्रिमिनल के नाम पर आदमपुर और पंचायत चुनावों में वोट मांगती है तो भाजपा अपना स्टैंड साफ करे ताकि जनता के सामने भाजपा का असली चेहरा सामने आए.
जेल मंत्री बोले, राम रहीम कुछ भी करे, यह उनका निजी अधिकार
हरियाणा सरकार में जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा, पैरोल मिलने के ऑर्डर मिलने के बाद ही जेल प्रशासन ने राम रहीम को जेल से निकाला है. जेल में राम रहीम की रखवाली और देखरेख करने की जिम्मेदारी जेल प्रशासन पर होती है, लेकिन राम रहीम के जेल से बाहर आने के बाद संबंधित अथॉरिटी ही देखरेख करती है.
राम रहीम के सत्संग में कई भाजपा नेताओं के शामिल होने पर जेल मंत्री ने कहा कि सत्संग के शामिल होने वाले लोगों की यह अपनी निजी आस्था है. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम की निजी जिंदगी है. वह कुछ भी करें, यह उनका निजी अधिकार है.