राइट टू रिकॉल के खिलाफ सरपंचों का आंदोलन, कहा- सरकार की मनमानी का देंगे जवाब
हरियाणा में सरपंच राइट टू रिकॉल और ई-टेंडरिंग के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि हमारी मांग को जनता के बीच लेकर जाएंगे और सरकार की पोल खोलेंगे.
रोहित कुमार/हिसार: राइट टू रिकॉल व ई टेंडरिंग के खिलाफ तथा पंचायतों को पूरे अधिकार दिए जाने की मांग पर आंदोलन चला रहे सरपंचों ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. सरपंचों ने ब्लॉक कार्यालयों से धरने उठाकर हरियाणा के भाजपा, जजपा व निर्दलीय विधायकों के आवासों पर धरने देने सहित अनेक फैसले लिए हैं.
सरपंच एसोसिएशन की राज्य कमेटी की बैठक हिसार में हुई. बैठक की अध्यक्षता बाढड़ा ब्लॉक प्रधान रामचन्द्र श्योराण एवं हिसार जिला प्रधान नरसिंह दुहन ने की. बैठक में एसोसिएशन के राज्य प्रधान रणबीर सिंह समैण, उप प्रधान संतोष बेनीवाल, सेवानिवृत आईजी रणबीर शर्मा सहित एसोसिएशन के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे. वहीं 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया.
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बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में सरपंचों ने कहा कि हमारी मांग को जनता के बीच लेकर जाएंगे और सरकार की पोल खोलेंगे. उन्होंने मांग की कि संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 नियम पूर्ण रूप से लागू किए जाएं, राइट टू रिकॉल विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री पर भी लागू हो, ई टेंडरिंग पूर्ण रूप से बंद की जाए, फेमिली आईडी पूर्ण रूप से बंद की जाए, सरकार द्वारा काटे गए सभी बीपीएल दोबारा बनाकर जरूरतमंद जनता को उनका लाभ दिया जाए, नौ हजार बिजली की वजह से राशनकार्ड काटने की शर्त तुरंत वापिस ली जाए. मनरेगा की मजदूरी 600 रुपये की जाए, सरपंचों का मानदेय 30 हजार और पंचों का मानदेय पांच हजार रुपये किया जाए.
उन्होंने कहा कि सभी सरपंच सरकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. हरियाणा के भाजपा, जजपा व सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों के आवासों पर धरने दिए जाएंगे. जब तक वे सरपंचों का समर्थन नहीं करते. इस अवसर पर सरपंचों ने एक आईटी सेल भी गठित की ताकि जनता तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सके. सरपंच एसोसिएशन के हिसार जिला कोषाध्यक्ष आजाद सिंह हिन्दुस्तानी ने बताया कि प्रदेश स्तरीय बैठक में लिए गए फैसलों को सभी सरपंच जोर-शोर से अमलीजामा पहनाएंगे. सरपंच अपने आंदोलन से किसी तरह पीछे नहीं हटेंगे और सरकार की मनमानी और तानाशाही का पुरजोर जवाब देंगे.