Haryana: मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच को देर शाम क्यों बुलाया था, विरोधाभासी बयान बने गले की फांस
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Haryana: मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच को देर शाम क्यों बुलाया था, विरोधाभासी बयान बने गले की फांस

Sandeep Singh News: चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक छेड़छाड़ मामले में संदीप सिंह के बयान चार्जशीट में मौजूद तथ्यों से मेल नहीं खा रहे हैं. कैब सेवा देने वाली कंपनी के बयान से आरोपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

 

Haryana: मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच को देर शाम क्यों बुलाया था, विरोधाभासी बयान बने गले की फांस

Sandeep Singh News: हरियाणा के राज्य मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में चंडीगढ़ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इस चार्जशीट में कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिनसे संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जानकारी के अनुसार महिला कोच के यौन शोषण मामले में दाखिल चार्जशीट में पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं. पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह के बयान चार्जशीट में मौजूद तथ्यों से मेल नहीं खा रहे हैं.

चार्जशीट से अलग है संदीप सिंह का बयान
आरोपी मंत्री के मुताबिक पीड़िता उनकी कोठी पर सिर्फ 15 मिनट ही रुकी थी, जबकि कैब सेवा देने वाली कंपनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोच मंत्री की कोठी में एक घंटे से ज्यादा समय तक मौजूद रही थी. वहीं, पुलिस के साथ क्राइम सीन का दौरा करने पर पीड़िता ने संदीप सिंह के ऑफिस, उसके साथ जुड़े कमरे, बेडरूम और इससे जुड़े रास्ते की भी पहचान की थी. पुलिस के मुताबिक इससे साफ है कि पीड़िता पहले भी वहां आई थी. संदीप सिंह का कहना था कि कोच सिर्फ उनके मुख्य ऑफिस में ही आई थी, जबकि साथ जुड़े केबिन और बेडरूम में नहीं गई थी.

कॉल डिटेल्स आई सामने
चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान पर कायम रही है. कई गवाहों ने पीड़िता के बयान का समर्थन किया. सीएफएसएल से प्राप्त रिपोर्ट में कुछ चैट, वॉयस और कॉल रिकार्डिंग सामने आई हैं, जिनसे पता चला कि पीड़िता ने घटना की जानकारी कुछ लोगों को दी थी.

स्नैपचैट पर हुई थी बात
राज मित्तल नामक व्यक्ति से 16 जुलाई को फोन पर बात के बाद कोच ने सिर पर लगी चोट वाली फोटो भी उसे भेजी थी. इसमें कोच के सिर पर बैंडेज लगी थी. पीड़िता के मुताबिक, आरोपी संदीप सिंह से बचने के दौरान उसका सिर टेबल से टकरा गया था, जिससे उसे चोट आई थी. वहीं, खेल विभाग के कर्मियों के बयान और ऑफिस रिकॉर्ड से पता चला कि किसी प्रभाव के चलते पीड़िता की नियुक्ति में देरी हो रही थी और उसका तबादला पंचकूला से झज्जर किया जा रहा था. चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता के मोबाइल के स्क्रीनशॉट संदीप सिंह को दिखाने पर उन्होंने माना था कि उनकी और पीड़िता की स्नैपचैट पर बात हुई थी. वहीं, एफआईआर दर्ज होने से तीन दिन पहले 28 दिसंबर 2022 की एक कॉल रिकार्डिंग में भी संदीप सिंह ने माना कि उसमें पीड़िता और उसकी आवाज है. 

इंस्टाग्राम पर मिलने के लिए मांगा था समय
पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह ने अपने बयान में कहा कि पीड़िता ने इंस्टाग्राम पर दो मार्च 2022 और स्नैपचैट पर एक जुलाई 2022 को मिलने के लिए समय मांगा था. वहीं स्टाफ के मुताबिक, मंत्री ने पीड़िता को ऑफिस टाइम में न बुलाकर निजी रूप से मिलने बुलाया था. पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह के विरोधाभासी बयान सामने आए. बयानों में संदीप सिंह ने कहा कि वह पहली बार पीड़िता से मार्च-अप्रैल 2022 में ताऊ देवी लाल स्टेडियम में मिले थे. जबकि बयान में कहा कि मार्च में वह अपने घर पर पीड़िता से मिले थे. ये भी कहा कि पीड़िता ने उनके पीए से 31 दिसंबर 2021 को बात की थी, मगर बयान में कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

देर शाम मिलने के लिए बुलाया
संदीप सिंह यह भी नहीं बता पाए कि उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए ऑफिस टाइम छोड़कर देर शाम क्यों बुलाया था. बता दें कि पुलिस ने मामले में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 और 509 के तहत मामल दर्ज किया था. चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में यह केस दर्ज हुआ था और बाद में एसआईटी जांच हुई है. हालांकि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में बयान देने से बच रही है. पुलिस का कहना है कि मामले में फैसला कोर्ट करेगी.

INPUT- Vijay Rana

 

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