WHO Alert: 28 दिनों में कोरोना पीड़ित 2500 मरीजों की मौत, फिर आ पड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत
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WHO Alert: 28 दिनों में कोरोना पीड़ित 2500 मरीजों की मौत, फिर आ पड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत

Corona Update: WHO ने सभी देशों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसके मुताबिक 9 अगस्त से लेकर 30 अप्रैल 2025 तक कोरोना का डाटा लगातार अपडेट करने और रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है.

WHO Alert: 28 दिनों में कोरोना पीड़ित 2500 मरीजों की मौत, फिर आ पड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत

WHO Alert about Covid: अगर आपको लगता है कि कोविड खत्म हो गया तो शायद आपको विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हालिया डाटा की जानकारी नहीं है. दुनियाभर में पिछले 28 दिनों के आंकड़ों के मुताबिक यानी 10 जुलाई से 6 अगस्त के बीच कोरोना की चपेट में आकर 2500 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा कोरोना के 15 लाख नए केस दर्ज किए गए हैं. दो महीनों की तुलना करने से पता चलता है कि पिछले एक महीने में कोरोना के केस में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है. इस बीच WHO ने सभी देशों से कोरोना का डाटा फिर से अपडेट करने को कहा. अब अगले दो साल तक डाटा देना होगा.   

नया वेरिएंट एरिस पहुंचा महाराष्ट्र 
इस बीच कोरोना का नया वेरिएंट महाराष्ट्र पहुंच गया है. कोरोना के नए सब वेरिएंट एरिस के बाद कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं. अगर  बात की जाए तो  कोरिया, आस्ट्रेलिया और ब्राजील में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट हो रहे हैं. नए वेरिएंट एरिस के मामले ब्रिटेन में मिले हैं. 

सिर्फ 11% देश दे रहे समय पर डाटा 
WHO निदेशक डॉ टेड्रोस अब्राहम के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 234 में से केवल 25 देश यानी दुनिया के केवल 11 प्रतिशत देश कोरोना का डाटा अपडेट कर रहे हैं, जिससे नए वेरिएंट के असर का पता लगाना मुश्किल है. WHO ने सभी देशों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसके मुताबिक 9 अगस्त से लेकर 30 अप्रैल 2025 तक कोरोना का डाटा लगातार अपडेट करने और रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है.

वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया के मुताबिक भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है, जिसे EG.5 नाम से जाना जाता है. सबसे पहले जुलाई में इसकी पहचान की गई थी. वायरस में म्यूटेशन लगातार हो रहे हैं, जिससे खतरा टला नहीं है.  हालांकि सरकार के मुताबिक भारत में कोरोना की मॉनिटरिंग अब भी की जा रही है और चिंता की कोई बात नहीं है. 

जेपी अस्पताल, नोएडा में  माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ सूर्यस्नातना दास ने बताया कि वायरल फ्लू, टायफायड, डेंगू के साथ कोरोना के खतरे के बीच एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोते रहने की जरूरत आ पड़ी है.  

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