Delhi Holi 2024: ऑर्गेनिक गुलाल की खुशबू से महकता शाहदरा का रोहताश नगर इस बार की होली पर चर्चा का विषय बन गया है. आर्थिक रूप से कमजोर 140 महिलाओं को संस्थान सुमंगलम ने स्वरोजगार दिया है. फलों, सब्जियों और फूलों से इस बेहतरीन ऑर्गेनिक गुलाल को तैयार किया जा रहा है. इस काम में शाहदरा के रोहताशनगर के विधायक इन गरीब और कम शिक्षित महिलाओं की मदद कर रहे हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित कर रहे हैं.


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इससे यहां की महिलाएं अपनी मेहनत से अपनी और अपने परिवार की माली हालत को बेहतर, मजबूत कर पा रही हैं. फलों, सब्जियों और फूलों से ऑर्गेनिक गुलाल को तैयार किया जा रहा है. कुल 140 महिलाएं जो काम शिक्षित हैं, इनमें एक महिला ही ग्रेजुएट है और कुछ महिलाएं दसवीं तक ही पढ़ी लिखी हैं तो कुछ बिल्कुल अनपढ़ हैं. इनके परिवार की माली हालत कमजोर थी.


एक संस्था सुमंगलम ने इन महिलाओं को सहारा दिया है. जिसको रोहताशनगर के विधायक जितेंद्र महाजन अपनी टीम के सहयोग से चलाते हैं. इस संस्था की खासियत है गरीबों की मदद करना और गरीबों को स्वावलंबी बनाना, स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना.


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इस संस्था की पहल से इन 140 महिलाओं के परिवारों में खुशहाली आई है. अपना काम मिला है और एक्स्ट्रा कमाई से घर की माली हालत दुरुस्त होगी. इससे अन्य महिलाओं के परिवारों को भी प्रेरणा मिलेगी. फरवरी में शुरू किए इस काम में ऑर्गेनिक गुलाल काफी मात्रा में तैयार करके बाजार में सेल के लिए उतारा गया है. इसका अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. अब तक 7 लाख से अधिक का गुलाल बेचा गया है, इस राशि को इन महिलाओं और इनके परिवारों में वितरित किया जा रहा है.


इन महिलाओं को एमएलए जितेंद्र महाजन मोदी सरकार की सभी स्कीम का लाभ भी मुहिया करा रहे हैं. जैसे मुफ्त में उज्जवला गैस कनेक्शन, फ्री राशन व अन्य लाभ स्कीमों के तहत दिला रहे हैं.


इस सुमंगलम संस्था के कार्यों की खास बात यह है कि इसके सभी लाभ मेहनती महिलाओं को ही दिया जाता है. संस्था के सुगम संचालन और इसके लाभ को लाभार्थियों तक पहुंचाने में क्षेत्र के एमएलए जितेंद्र महाजन की अहम भूमिका है. उनका कहना है कि मेरा लक्ष्य ऐसे गरीब परिवारों के जीवन में खुशहाली लाना है, जो रोजगार से वंचित हैं. ऐसे परिवारों, महिलाओं को मदद करके उनको आत्मनिर्भरता की और उन्मुख करना जीवन का लक्ष्य है. ये सभी महिलाएं रोहतासनगर, रामनगर, शाहदरा रेलवे स्टेशन के पास की झुग्गियों, गरीब परिवारों से हैं. आने वाले दिनों में और ऐसे परिवारों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा जिनके परिवार में रोजगार का साधन नहीं है. 


Input: rakesh chawla