Budget For Girls:​ सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए 9-14 साल की लड़कियों को मुफ्त लगाई जाएगी वैक्सीन
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Budget For Girls:​ सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए 9-14 साल की लड़कियों को मुफ्त लगाई जाएगी वैक्सीन

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते हुए मामलों और उसके लिए आई हुई वैक्सीन की बड़ी कीमत को देखते हुए सरकार ने बजट में बड़ा ऐलान किया है. सरकारी व्यवस्था के तहत 9 से 14 साल की लड़कियों को यह वैक्सीन बिल्कुल मुफ्त में लगाई जाएगी.

Budget For Girls:​ सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए 9-14 साल की लड़कियों को मुफ्त लगाई जाएगी वैक्सीन

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में देश का अंतरिम बजट पेश किया. यह बजट इसलिए भी खास था, क्योंकि यह बजट लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही पेश किया जा रहा था. वहीं बजट पेश करने के दैरान देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की कई उपलब्धियों को भी गिनाया. वित्त मंत्री ने बजट के दैरान यह बताया कि हेल्थ सेक्शन में विकास को लेकर बजट में काफी कुछ शामिल किया गया है. बजट मे वित्त मंत्री ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9-14 साल की लड़कियों को मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा. यह अभियान की शुरुआत  मिशन 'इंद्रधनुष' के अंतर्गत किया जाएगा.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते हुए मामलों और उसके लिए आई हुई वैक्सीन की बड़ी कीमत को देखते हुए सरकार ने बजट में बड़ा ऐलान किया है. सरकारी व्यवस्था के तहत 9 से 14 साल की लड़कियों को यह वैक्सीन बिल्कुल मुफ्त में लगाई जाएगी. सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन का फायदा तभी मिलता है, जब कोई महिला सेक्शुअली एक्टिव ना हुई हो, इसलिए इस उमर को सही माना जाता है. वहीं इसी के साथ ही 9 से 14 साल की उम्र में यह वैक्सीन लगाने पर 1 साल में इस वैक्सीन की दो डोस दी जाती है.

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यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के अलावा हुमन पपिल्लोमावायरस यानी एचपीवी के जरिए होने वाले यौन रोगों से जुड़े कई तरह के कैंसर से महिलाओं का बचाव कर सकती है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कई स्त्री रोग विशेषज्ञ ने जी न्यूज से बात की और उन्होंने कहा कि सरकार का यह बेहद ही शानदार काम है जो महिलाओं की जिंदगी बचाने में काम आएगा. हालांकि ओपन मार्केट में भी इस वैक्सीन की कीमत को कम करने पर सरकार को सोचना चाहिए.

नए मेडिकल कॉलेज के लिए कमेटी बनाने का फैसला
सरकार ने बजट में नए मेडिकल कॉलेज के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है. वजह साफ है भारत में अस्पतालों और हेल्थ केयर स्टाफ यानी वार्ड बॉय और नसों की भारी कमी है. यह तब है जब हर साल 12वीं के बाद मेडिकल की परीक्षा नीट यूजी देने के लिए तकरीबन 21 लाख छात्र परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेजों की सीटें एक लाख से थोड़ी कम है ऐसे में तकरीबन 20 लाख छात्रों को मायूस होना पड़ता है और अगले साल का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में नया अस्पताल लाने वाले डॉक्टर को क्या परेशानियां होती हैं और मेडिकल कॉलेज की सीटें देश में स्वास्थ्य व्यवस्था को कैसे दुरुस्त कर सकती है. इस पर हमने ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल से जायजा लिया.

बजट में सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन को सरकारी व्यवस्था के तहत 9 से 14 साल की लड़कियों को लगाने का फैसला भी किया गया है. इस पर भी हमने देश की मशहूर गाइनेकोलॉजिस्ट से बात की. डॉ अर्चना धवन बजाज के मुताबिक गर्भाशय और बच्चेदानी के कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में से हैं और इससे बचाव की वैक्सीन महंगी है. फिलहाल यह कई संस्थाओं के जरिए कुछ महिलाओं को मुफ्त मिल जाती है, लेकिन इसके सरकारी सिस्टम में आने से देश में बड़े पैमाने पर महिलाओं को फायदा होगा.

नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल में रोजाना महिलाओं की ओपीडी में बढ़ती भीड़ को देखने वाली डॉक्टर संगीता शर्मा का भी मानना है कि. यह वैक्सीन केवल सर्वाइकल कैंसर ही नहीं महिलाओं को होने वाले और बहुत से कैंसर से बचाव कर सकेगी.

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