अनुज तोमर/नोएडाः ईरान में पिछले कुछ महीनों से एन्टी-हिजाब (anti-hijab) और Mahsa Amini की मौत को लेकर जारी प्रदर्शन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. हाल ही में ईरान की फुटबाल टीम ने FIFA वर्ल्डकप के दौरान नेशनल एंथम गाने से भी मना कर दिया था. ईरान में जहां हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है, वहीं  ईरान का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देश ईरान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. ईरान में जारी एन्टी-हिजाब प्रदर्शन को लेकर हमने Iran के Deputy Foreign Minister अली बाघेरी (Ali Bagheri) से Zee मीडिया की Exclusive बातचीत.


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सवालः- ईरान में लगातार एन्टी-हिजाब प्रदर्शन जारी है. Mahsa Amini की मौत के बाद से ये प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे. ये स्थित कितनी खतरनाक है.


जवाबः- मैं यहां बताना चाहता हूं कि लोकतंत्र में कहीं पर भी लोगों को आलोचना और आपत्ति करने का हक़ है और ये बात ईरान की सोसाइटी पर भी लागू होती है. हां हमारे यहां ईरान के कुछ हिस्सों में भी ऐसे आलोचना हुई है. यहां इस वक्त दुनिया को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि  ईरान के आंतरिक मामलों में से पश्चमी देश हस्तक्षेप करने के साथ-साथ पावर एब्यूज (Power Abuse) कर रहे हैं.


सवालः- वेस्टर्न मीडिया खास तौर पर ये रिपोर्ट कर रही है. सैकड़ों की संख्या में ईरान में प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है. क्या ये रिपोर्ट सही है.


जवाब- ये खबर 100% गलत है. ऐसा कहीं नहीं हो रहा है.


सवालः- ईरान में एन्टी-हिजाब को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर ईरान सरकार ने ये आरोप लगाया था कि अमेरिका और Israel प्रदर्शन को हवा दे रहे हैं और ईरान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. आपके पास इसे लेकर क्या सबूत है?


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जवाबः- ये कोई मुश्किल काम नहीं है. आप वेस्टर्न देशों और अमेरिका के स्टेटमेंट एयर उनके सोशल मीडिया के एकाउंट को देखिए. आपको वेस्टर्न मीडिया जिस तरह से इस मामले की रिपोर्टिंग कर रही है उसे देखिए. लंदन बेस्ड पर्शियन मीडिया का भी ईरान के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ईरान में अशांति फैलाई जा सके और दुनिया को बताया जा सके कि ईरान में स्थित बदत्तर होती जा रही है, जिस तरह से एक ईरान की लड़की की मौत को एक इतना बड़ा मुद्दा बनाया गया.


उन्होंने कहा कि लेकिन, जब ईरानी लड़कियों को सद्दाम हुसैन की सरकार ने केमिकल हथियार का इस्तेमाल कर उन्हें मार दिया उस पर कोई बात नहीं करता. सद्दाम हुसैन की सरकार ने वेस्टर्न कन्ट्रीज को जो केमिकल हथियार सप्लाई किये उस पर ये देश चुप है. ईरान में बहुत से बच्चे एक खास बीमारी से ग्रसित है जिन्हें दवाइयां मिल नहीं रही हैं, लेकिन इस पर कोई बात नहीं करता. उनके लिए ये मानवाधिकार हनन का मामला नहीं है.  वेस्टर्न कन्ट्रीज का रवैया पक्षपात पूर्ण रहा है.


सवालः- आपने भारत के विदेश मंत्री और विदेश सचिव से मुलाकात की. किन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बात हुई?


जवाबः- ईरान और भारत लगातार एक दूसरे के साथ संपर्क में है. ये एक सामान्य प्रक्रिया है. मेरे भारत आने का मकसद भी यही है. कल हमारी मुलाकात भारत के विदेश मंत्री से हुई थी जिसके दौरान हमने अलग अलग मुद्दों पर बातचीत की और उससे जुड़े मुद्दों पर समीक्षा की. हमने बातचीत में कुछ रीजनल और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत की.


सवालः- पश्चमी देशों के आपत्ति के बावजूद भारत रूस से काफी मात्रा में तेल खरीद रहा है. इस पर आपका क्या नजरिया है और क्या आप उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ईरान और भारत के बीच भी ऐसी डील हो सकती है.


जवाबः- हमारा भारत के साथ एनर्जी सप्लाई करने का पुराना संबंध रहा है. हम पूरी तरह से तैयार है. भारत को एक बार फिर से उसकी एनर्जी की जरूरत को पूरा करने के लिए.


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सवालः- कुछ वेस्टर्न यूरोपियन यूनियन से लिंक ग्रुप दुनिया के मेजर पावर के साथ ईरान की रुकी पड़ी न्यूक्लियर डील पर सहमति बनाने की कोशिश में हैं. ईरान को इसे लेकर कितनी उम्मीद है?


जवाबः- न्यूक्लियर पर हो रही वार्ता पर हम सभी पक्षों के साथ संपर्क में हैं. ईरान के साथ न्यूक्लियर एग्रीमेंट पर बातचीत हो रही है.