Kalpana Chawla News: जब उन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करने का मन बनाया तो कई लोगों ने कम चांस मिले की वजह से उन्हें हतोत्साहित किया, लेकिन कल्पना तब तक अपने सपनों को उड़ान देने का पूरा मन बना चुकी थीं.
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नई दिल्ली: अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला की आज जयंती है. करनाल में 17 मार्च 1962 में एक व्यवसायी के घर जन्मीं कल्पना चावला को आज देश-दुनिया में याद किया जा रहा है. 2003 में अंतरिक्ष मिशन के बाद धरती की ओर लौटते समय कोलंबिया शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से कल्पना और उनके छह साथियों की मौत हो गई थी.
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने आज कल्पना चावला को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया-पूरी दुनिया में हरियाणा का गौरव बढ़ाने वाली, भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री, महिला शक्ति की पर्याय कल्पना चावला जी को मैं उनकी जयंती पर सादर नमन करता हूं. अंतरिक्ष विज्ञान में उनका योगदान देश-प्रदेश की बेटियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा.
पूरी दुनिया में हरियाणा का गौरव बढ़ाने वाली, भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री, महिला शक्ति की पर्याय कल्पना चावला जी को मैं उनकी जयंती पर सादर नमन करता हूँ।
अंतरिक्ष विज्ञान में उनका योगदान देश-प्रदेश की बेटियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। pic.twitter.com/pgEg7YAXLh
— Manohar Lal (@mlkhattar) March 17, 2023
मुल्तान से आकर बसे थे माता-पिता
कल्पना चावला के पिता बनारसी लाल चावला और मां संयोगिता मूल रूप से पश्चिम पंजाब के मुल्तान जिले से हैं. तीन बहनों और एक भाई में कल्पना सबसे छोटी थीं. 13 साल की उम्र से ही उनका रुझान उड़ान सीखने का था. हवाई जहाजों की आर्ट बनाने का उन्हें शौक था. कल्पना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से ली. जब उन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करने का मन बनाया तो कई लोगों ने उन्हें कम चांस मिले की वजह से हतोत्साहित किया, लेकिन कल्पना तब तक अपने सपनों को उड़ान देने का पूरा मन बना चुकी थीं.
पंजाब यूनिवर्सिटी से किया ग्रेजुएशन
पंजाब विश्वविद्यालय से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वह बीस साल की उम्र में USA चली गई थीं. वहां उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी मास्टर डिग्री हासिल की और पीएचडी की. इस बीच उनकी मुलाकात पेशेवर पायलट बनने की ट्रेनिंग कर रहे जीन पियरे हैरिसन (Jean Pierre Harrison) से हुई. बहुत काम समय में दोनों करीब आ गए और दिसंबर, 1983 में उन्होंने शादी कर ली. 1991 में अमेरिकी नागरिक बनने के बाद उन्होंने NASA Astronaut कोर के लिए एप्लाई किया और 1995 में वह उसका हिस्सा बन गईं.
1997 में पहली बार अंतरिक्ष में रखा कदम
कल्पना चावला का सपना मई 1997 में उस समय पूरा हुआ, जब वह अपने पहले अंतरिक्ष मिशन पर गईं. स्पेस शटल कोलंबिया की उड़ान STS-87 से उन्होंने 15 अंतरिक्ष की यात्रा की. इसके बाद 2003 में वह दूसरे अंतरिक्ष मिशन पर कोलंबिया शटल की फ्लाइट STS-107 से गईं और करीब 16 दिन तक वहां रहने के बाद 1 फरवरी को जब लौट रही थीं, तभी लैंडिंग से चंद मिनटों पहले टेक्सास के आसमान में शटल दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उस पर सवार सभी अंतरिक्ष यात्री मारे गए.