Karnal News: मंडियों में धान की खरीद चल रही है, किसान अपनी मेहनत को अब मंडी में लेकर आ रहे हैं, लेकिन जब भी धान का सीजन पीक पर होता है तो धीरे-धीरे काफी परेशानी आनी शुरू हो जाती है. कभी गेट पास न मिलने की समस्या, कभी गेट पास देरी से मिलने की समस्या, कभी ट्रालियों की लंबी लंबी कतारों की परेशानी, कभी धान का एमएसपी पर खरीद न होना, कभी उठान न होना.


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अब धान की आवक ज्यादा हो गई है, किसान अपनी धान की फसल को मंडी में जब ला रहे हैं तो उन्हें लंबी लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है, इतना है नहीं इसके साथ-साथ गेट पास मिलने में भी देरी हो रही है, कुछ किसान जिनकी फसल गीली है और उसमें नमी की मात्रा ज्यादा है. इसलिए उन्हें पूरा एमएसपी नहीं मिल रहा है, उनका कहना है कि 1800, 1900 के पास धान की खरीद हो रही है, जबकि रेट 2203 है, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी मिले जिनकी धान सूखी हुई है, नमी भी ठीक है. उन्हें प्राइवेट खरीद पर एमएसपी से भी ज्यादा मूल्य मिल रहा है, लेकिन उनका कहना है कि और भी ज्यादा मूल्य मिलना चाहिए. बात साफ है अभी मंडी में धान की आवक जहां बढ़ गई है. वहीं काम स्लो हो गया है, ऐसे में किसानों को होने वाली परेशानियां कब तक कम होती है ये देखने वाली बात होगी.


किसानों ने अधिकारियों को बनाया बंधक
हरियाणा सरकार की सख्ती के बाद खेतों में धान के अवशेषों में आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अंबाला जिले में किसान भी अधिकारियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं. गुरुवार को भी दूसरे दिन शाहपुर गांव में किसानों ने कृषि विभाग की टीम को बंधक बना लिया. पटवारी और कृषि विभाग के कर्मचारी शाहपुर में अवशेष जलाने वाले किसान का चालान करने पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह को इसकी भनक लगी तो किसान खेत में पहुंच गया. यहां, कृषि विभाग की टीम को बंधक बना सवाल-जवाब किए.


Input: Kamarjeet Singh