खेदड़ की महापंचायत- पूरी होगी मांग या जारी रहेगा आंदोलन!
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खेदड़ की महापंचायत- पूरी होगी मांग या जारी रहेगा आंदोलन!

 3 दिन के अल्टीमेटम के बाद आज खेदड़ गांव में स्थित स्टेडियम में महापंचायत शुरु हो गई है. थर्मल प्लांट की राख को लेकर ग्रामीण 90 दिनों से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. 

खेदड़ की महापंचायत- पूरी होगी मांग या जारी रहेगा आंदोलन!

हिसार: थर्मल प्लांट की राख को लेकर हिसार के खेदड़ में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 3 दिन के अल्टीमेटम के बाद आज खेदड़ गांव में स्थित स्टेडियम में महापंचायत शुरु हो गई है, इसमें किसान नेताओं के आने का दौर जारी है, तो वहीं महापंचायत में किसान धर्मपाल के शव को भी गौशाला से ट्रैक्टर—ट्राली में रख कर लाया गया है. किसान अपनी 11 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

क्या है पूरा मामला
खेदड़ में 2010 में थर्मल प्लांट शुरू हुआ था तब प्लांट से निकलने वाली कोयले की राख को गांववालों ने उठाना शुरू कर दिया. गांव के लोग उस राख से होने वाले मुनाफे से गौशाला का निर्माण कर उसे चलाने लगे. लेकिन अब थर्मल प्लांट से निकलने वाली राख को कंपनियों को बेचने का निर्णय लिया गया है, जिसका ग्रामीणों के द्वारा विरोध किया जा रहा है. 

ग्रामीण राख उन्हें देने की मांग को लेकर पिछले 90 दिन से भी ज्यादा समय से धरना दे रहे हैं. 8 जुलाई को इसी मामले पर पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई थी. पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया इस दौरान एक ग्रामीण की मौत हो गई. मौत के 5 दिन बात जाने के बाद भी अभी तक किसान का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. 

आंदोलन करने वालों के द्वारा सीधे तौर पर 11 सूत्रीय मांगे रखी गई हैं. इनमें राख संबंधित टेंडर को रद्द करने, आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने, जिन युवाओं की गिरफ्तारी हुई उनकी रिहाई  और 8 जुलाई को पुलिस और ग्रामीणों के टकराव में मारे गए किसान धर्मपाल के परिवार को आर्थिक सहायता दिलवाने जैसी मांगे शामिल हैं. 

महापंचायत को देखते हुए खेदड़ में काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. सुबह के वक्त से ही खेदड़ जाने वाले रास्ते पर बैरीकेटिंग की गई थी, जिससे महापंचायत में शामिल होने वाले लोगों को रोका जा सके. 

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