Farmer's Protest: राकेश टिकैत बोले- किसान के धरने को पंजाब का आंदोलन बनाना चाहती है सरकार
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Farmer's Protest: राकेश टिकैत बोले- किसान के धरने को पंजाब का आंदोलन बनाना चाहती है सरकार

Farmer's Protest:  यमुनानगर के गांव धोड़ांग में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हार नहीं मानेगा. किसान समझौते के बाद ही वापस जाएगा. टिकैत ने कहा कि भारत सरकार इस आंदोलन को इलेक्शन तक चलाना चाहती है.

Farmer's Protest: राकेश टिकैत बोले- किसान के धरने को पंजाब का आंदोलन बनाना चाहती है सरकार

Farmer's Protest News: किसान लगातार दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. वहीं आज यमुनानगर के गांव धोढंग  में किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचकर किसानों के साथ मीटिंग की, जिसमें निर्णय लिया गया कि कल 29 फरवरी को संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक में जो भी निर्णय होगा वह उनके साथ चलेंगे.

किसान नहीं मानेगा हार
यमुनानगर के गांव धोड़ांग में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हार नहीं मानेगा. किसान समझौते के बाद ही वापस जाएगा. टिकैत ने कहा कि भारत सरकार इस आंदोलन को इलेक्शन तक चलाना चाहती है. सरकार नहीं चाहती कि आंदोलन खत्म हो. इस आंदोलन के माध्यम से सरकार किसान को बर्बाद करना चाहती है और किसानों को बदनाम किया जाए क्योंकि किसान एमएसपी मांग रहे हैं. क्योंकि किसान ने गारंटी कानून की मांग की है. मोर्चे पर कुछ RSS के लोग भी मौजूद हैं, जो इस आंदोलन को खराब करना चाहते हैं और उनकी रणनीति है कि यह आंदोलन इलेक्शन तक चले.

सरकार किसान आंदोलन पंजाब का आंदोलन बनाना चाहती है
उन्होंने कहा कि सरकार  इस आंदोलन को पंजाब का आंदोलन बनाना चाहती है. पंजाब के किसानों और सिखों को बदनाम किया जाए, जिससे पंजाब सरकार बदनाम हो. टिकैत ने कहा कि उन्होंने 6 सदस्य तालमेल कमेटी का गठन किया है. वही तालमेल कमेटी किसानों से बात करे और सरकार से बात करके इसका समाधान निकाले. उन्होंने कहा कि आपस में बैनर और झंडा अलग हो सकता है, लेकिन तालमेल होना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, गलत बयानबाजी ना करें क्योंकि सरकार बयानबाजी करवाएगी.

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किसानों का देंगे साथ
कल यानी 29 फरवरी को  दिल्ली कूच  को लेकर उन्होंने कहा कि जो भी कमेटी निर्णय लेगी हम उसके साथ हैं और देश का हर किसान उसकी मदद करेगा, जो 40  किसान पहले से ही लीडर हैं. वह देश के बड़े किसान हैं और हम उनके साथ हैं. उन्होंने कहा, जहां वो कहेंगे हम वहीं पर उनके साथ चल पड़ेंगे. उन्होंने ट्रैक्टर मार्च को लेकर कहा कि यह ट्रैक्टर कभी भी दिल्ली जा सकते हैं. यह वही चार लाख ट्रैक्टर हैं जो पिछले साल 26 जनवरी को दिल्ली में थे और किस राजधानी को दिल्ली जाना पड़ जाए पूरा देश का किसान तैयार हैं.

INPUT- Kulwant Singh