North East Delhi Lok sabha chunav 2024: JNU छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर लोकसभा उम्मीदवारी तक, जानें कन्हैया की कहानी
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North East Delhi Lok sabha chunav 2024: JNU छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर लोकसभा उम्मीदवारी तक, जानें कन्हैया की कहानी

North East Delhi Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस ने शनिवार को दिल्ली के तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. कांग्रेस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है. कन्हैया किमार जेएन्यू के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.

North East Delhi Lok sabha chunav 2024: JNU छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर लोकसभा उम्मीदवारी तक, जानें कन्हैया की कहानी

Kanhaiya Kumar Lok Sabha 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आखिरकार कांग्रेस ने रविवार को दिल्ली के तीन लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इन उम्मीदवारों में कन्हैया कुमार, उदित राज और जे पी अग्रवाल शामिल हैं. इसमें से सबसे अहम है उत्तर-पूर्वी सीट, जहां से कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार मनोज तिवारी मैदान में हैं. इन दोनों प्रत्याशियों का पूर्वांचली कनेक्शन है.

कौन हैं कन्हैया कुमार
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र से साल 2019 के चुनाव में प्रत्याशी रहे कन्हैया कुमार को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने इस मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से सिनेमा से राजनीति में आए मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार के बीच मुकाबला होने वाला है. यह मुकाबला काफी हाईप्रोफाइल होगा. कन्हैया कुमार को इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अब इस सीट का मुकाबला काफी रोचक होने वाला है, लेकिन उससे पहले आइये खंगालते हैं कन्हैया कुमार की प्रोफाइल.

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नीजि जीवन एक नजर
37 साल के कन्हैया कुमार का जन्म साल 1987 को हुआ था. पटना कॉलेज से उन्होंने BA की पढ़ाई की. इसके बाद नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी MA की पढ़ाई को खत्म करके जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से PHD किया. इसके बाद साल 2015 में उन्होंने JNU का छात्रसंघ चुनाव जीता और अध्यक्ष बने. एक इंटरव्यू दौरान कन्हैया ये कहते नजर आए थे कि भगत सिंह से प्रेरणा लेकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. वहीं, साल 2016 में उनकी आत्मकथा 'बिहार से तिहाड़ छपी'.

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राजनीतिक जीवन
साल 2015 में जेएन्यू में छात्रसंघ का अध्यक्ष बनने के बाद कन्हैया कुमार ने काफी सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद साल 2019 में उन्होंने 17वीं लोकसभा चुनाव के दौरान बेगुसराय से कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव हार गए थे. इसके बाद एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि चुनावों में मेरे पास सीधे तौर पर खोने के लिए कुछ नहीं था. एक बड़ी, अमीर और प्रभावशाली मशीनरी के खिलाफ लड़ने के लिए मुझे लोगों का समर्थन मिला. उन्होंने कहा, "यह लोकतंत्र का संदेश है कि आंगनबाड़ी वर्कर का बेटा चुनाव लड़ सकता है." साल 2019 में रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पास 5 लाख की संपत्ति है.

क्या है उत्तर-पूर्वी सीट का गणित
दिल्ली का उत्तर-पूर्वी  सीट काफी हाईलाइट है. इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पूर्वांचली आबादी रहती है. ये देशभर में सबसे ज्यादा आबादी वाला इलाका है. ऐसे में जहां एक ओर बीजेपी ने इस सीट से पूर्वाचली उम्मीदवार को मैदान में उतारा है तो वहीं, कांग्रेस ने भी कन्हैया कुमार के जरिए अपना पूर्वाचली कॉर्ड चला है. इस इलाके में कई अनधिकृत कॉलोनियां हैं. साथ ही काफी संख्या में माइग्रेंट वर्कर्स हैं. इसके साथ ही साल 2020 में दंगे की वजह से भी यह इलाका काफी ज्यादा खबरों में बना रहा. पूरी दुनिया में इस इलाके के चर्चे छाए रहे.

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