LG vs Kejriwal Government: हाल ही में SC ने बड़ा फैसला करते हुए दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था, जिसमें बड़ा फेरबदल करते हुए केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया है. इसके अनुसार केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) का गठन करेगी. यह प्राधिकरण ही दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगी. केंद्र के इस फैसले के बाद शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस अध्यादेश को लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला बताया है. 


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शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के लिये केंद्र सरकार ये अध्यादेश लेकर आई है. केंद्र सरकार इस अध्यादेश से SC द्वारा चुनी हुई सरकार को दिए गए अधिकार को छीनने का प्रयास कर रही है. 8 साल की कनूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार का आदेश गलत था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुयी सरकार के पास अधिकार है. इस दौरान जो सिद्धांत सुप्रीम कोर्ट ने रखे है उसमें बहुत साफ कहा गया है कि किसी भी राज्य सरकार की ताकत छीनी नहीं जा सकती.


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संविधान के अनुसार, ऐसा अध्यादेश लाने की ताकत केंद्र के पास नहीं है, ऐसा सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है. कोर्ट को पहले से ऐसा संदेह था, इसलिए कोर्ट ने आदेश के जरिए ऐसे रास्ते को बंद कर दिए. लेकिन यह अध्यादेश यह दिखा रहा है कि मोदी को अरविंद केजरीवाल से डर लगता है. 


बाबा साहेब के संविधान ने एक लोकतांत्रिक ताकत दी है. छह हफ्ते, बारह हफ्ते के लिए इस अध्यादेश के जरिए अरविंद केजरीवाल की ताकत को रोक सकते हैं, लेकिन जनता को नहीं रोक सकते हैं.


अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जायेगी. इसके चेयरपर्सन CM होंगे और चीफ सेक्रेटरी और दिल्ली के होम सेक्रेटरी सदस्य होंगे. साथ ही ये भी कहा गया है कि चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी केंद्र द्वारा चुने जाएंगे. इसका मतलब ये है कि इस सिविल सर्विस अथॉरिटी में सरकार अल्पमत में होगी और दोनों अधिकारी का फैसला बहुमत से तय कर लिया जाएगा. ये भी कहा गया है कि अगर किसी फैसले पर LG को आपत्ति होती है तो उसे बदल भी सकते है. इस अध्यादेश का मतलब ये है कि दिल्ली की जनता भले ही केजरीवाल को कितनी भी ज्यादा सीटें दें, लेकिन सरकार तो LG या केंद्र सरकार ही चलाएगी.


सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला BJP से सहन नही हुआ, देश के PM से सहन नहीं हुआ कि केजरीवाल को पूरी ताकत मिले.मोदी को केजरीवाल के डरावने सपने आने लगे हैं, इनको लगने लगा है कि केजरीवाल 10 गुना स्पीड से काम करेगा. इसलिए PM मोदी ने उसका तरीका निकाला. मोदी ने सोचा कुछ दिन के लिये दिल्ली सरकार के काम को रोका जा सके. कल देर रात चुपके से चोर दरवाजे से गैरसंवैधानिक अध्यादेश लेकर आ गए. उनको पता था कि सुप्रीम कोर्ट की 6 हफ्तों की छुट्टी हो गई है. इसलिए वो कल रात ये अध्यादेश लेकर आए. इससे पहले इसलिए नहीं लाए क्योंकि उनको पता था कि हम कोर्ट पंहुच जाएंगे.