Delhi Election 2025: दिल्ली की इन विधानसभा सीटों पर है मुस्लिम वोट बैंक, जहां है अरविंद केजरीवाल का दबदबा
दिल्ली विधानसभा चुनाव का आगाज जल्द ही होने वाला है. ऐसे में इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटर पर है. दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से कुछ ऐसी सीट हैं, जहां पर मुस्लिम वोटर का खासा दबदबा है.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का आगाज जल्द ही होने वाला है. ऐसे में इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटर पर है. दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से कुछ ऐसी सीट हैं, जहां पर मुस्लिम वोटर का खासा दबदबा है. इन सीटों में से मटिया महल, बल्लीमरान, ओखला, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बाबरपुर, किराड़ी और चांदनी चौक सीट मुस्लिम बहुल माने जाते हैं. इसके अलावा त्रिलोकपुरी और दिलशाद गार्डन में भी हार जीत में मुस्लिम वोटर की बड़ी भूमिका रहती है.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के ओखला से अमानतुल्लाह को टिकट दिया है. वहीं मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल, बल्लीमरान से इमरान हुसैन को टिकट दिया है. इसके अलावा सीलमपुर से जुबैर अहमद और मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान जैसे नए चेहरों पर भरोसा जताया है. पिछले चुनावों में इन सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी ने ही जीत हासिल किया था.
लोकसभा चुनाव में देखा गया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में थी तो मुस्लिम वोटर ने एक तरफा वोट किया था. अब दिल्ली विधानसभा चुनाव है ऐसे में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अकेले-अकेले चुनावी मैदान में है ऐसे में वोटर अभी तय नहीं कर पाया है कि इस बार किसका साथ देना है. एमसीडी चुनाव में देखा कि कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल इलाकों में अच्छे वोट हासिल किया. 9 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.
इस बार आम आदमी पार्टी पूरी रणनीति के तहत चुनावी मैदान में है कोशिश है कि मुस्लिम वोटर उनके साथ ही जुड़ा रहे. दिल्ली का मुसलमान अकसर एकतरफा वोट करते आया है. 2015 और 2020 में यह समुदाय आम आदमी पार्टी के तरफ एकतरफा वोट किया था. यही कारण है कि आप ने एक मुस्लिम विधायक इमरान हुसैन को मंत्री भी बनाया.
आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है तीन बार से सरकार बन रही है. अरविंद केजरीवाल ने काम किए है और आवाम को काम चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली का चुनाव आम आदमी पार्टी और बीजेपी का है. कांग्रेस को वोट देना अपना वोट खराब करना है. हमने काम किए हैं. अरविंद केजरीवाल हर मजहब के लिए काम करते हैं, उनको पसंद किया जाता है. पहले भी कांग्रेस चुनावी में थी. 2015 और 2020 के चुनाव में आवाम ने अरविंद केजरीवाल को पसंद किया. सबको पता है कांग्रेस जीरो है. कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है.
साथ ही उन्होंने AIMIM पर कहा है कि सब लोग जानते हैं, यह इलेक्शन के समय आते हैं. पिछले 5 साल में कुछ नहीं किया. भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए यह आते हैं. जनता समझदार है. वह जानती है कि कौन उनके लिए काम कर रहा है.
Input: Davesh Kumar