Delhi Govt vs LG: राजधानी दिल्ली की AAP सरकार और LG के बीच चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट (SC) ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. SC ने कहा कि अधिकारियों की तैनाती और ट्रांसफर का अधिकार अब दिल्ली सरकार के पास होगा. 


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CJI ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली भले ही केंद्रशासित प्रदेश हो पर इसे जमीन, पुलिस, पब्लिक आर्डर को छोड़कर बाकी मसलों पर कानून बनाने का अधिकार है. सरकार के काम पर पूरा अधिकार केंद्र को नहीं दिया जा सकता. लोकतंत्र और संघवाद हमारे संविधान के सबसे अहम सिद्धांत है और संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है. लोकतांत्रिक ढांचे में प्रशासन की वास्तविक शक्ति चुनी हुई सरकार के हाथों में होती है. अगर अधिकारी ये महसूस करेगे कि चुनी हुई सरकार का उन पर नियंत्रण ही नहीं है तो निश्चित तौर पर उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होगी. अगर सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो सरकार पॉलिसी को कैसे लागू करेगी.CJI के फैसले को लेकर सभी जजों की राय एक है.  


क्या है पूरा मामला? 
AAP द्वारा अक्सर LG पर चुनी हुई सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया जाता रहा है. हाल ही में AAP ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और उनके ट्रांसफर के अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर SC ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब SC ने AAP के पक्ष में फैसला सुनाया है, दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और उनके ट्रांसफर का अधिकार अब LG नहीं AAP सरकार के हाथों में होगा. 


GNCTD Act के तहत LG को मिले अधिकार
दरअसल केंद्र सरकार ने साल 2021 में गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट (GNCTD Act) पास किया था. यह एक्ट राज्य की चुनी हुई सरकार की शक्तियों को कम  करता है और LG की शक्तियों को बढ़ाता है. 


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