Delhi MCD Hospital: स्वास्थ्य के क्षेत्र में निगम की ''AAP'' सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दोनों अस्पतालों को 2017 में मर्ज किया गया था. इसी के साथ 27 कर्मचारियों की बढ़ोतरी का फैसला भी लिया गया है.
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Delhi MCD Hospital: स्वास्थ्य के क्षेत्र में निगम की ''AAP'' सरकार ने बड़ा फैसला किया है. राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस (RBIPMT) और महर्षि वाल्मिकी संक्रामक रोग अस्पताल (MVID) अस्पताल को अलग-अलग किया जाएगा. दोनों अस्पतालों को 2017 में मर्ज कर दिया गया था.
जानकारी के मुताबिक, दोनों अस्पतालों को मर्ज करने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रहीं थीं. अस्पताल प्रबंधन दोनों अस्पतालों पर ठीक से ध्यान भी नहीं दे पा रहा था. ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए निगम की ''AAP'' सरकार ने दोनों अस्पतालों को पहले की तरह अलग-अलग करने का फैसला किया है अस्पतालों के अलग-अलग संचालन संबंधी फैसले पर मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने मंगलवार देर शाम हस्ताक्षर किए हैं.
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कर्मचारियों की बढ़ोतरी
दोनों अस्पतालों में वर्तमान में कुल स्टाफ 1034 का है. इसमें अब 27 कर्मचारियों की बढ़ोतरी का फैसला किया गया है. इनमें से 846 कर्मचारी-अधिकारी राजन बाबू अस्पताल में रहेंगे. वहीं 215 कर्मचारी और अधिकारी एमवीआईडी अस्पताल में रहेंगे.
MVID अस्पताल का विस्तार प्रभावित हो रहा
राजन बाबू अस्पताल में टीबी और MVID में इंफेक्शन संबंधी बीमारियों का उपचार होता है. दोनों अस्पतालों को एक करने के बाद सामने आया था कि MVID अस्पताल का विस्तार प्रभावित हो रहा है. इसकी मुख्य वजह दोनों अस्पतालों पर शत प्रतिशत ध्यान न दे पाना है. इसके अलावा मरीजों की देखरेख में कमी देखी जा रही थी. ऐसे में दोनों अस्पतालों को अलग-अलग करने का फैसला किया गया.
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दोनों अस्पताल करेंगे एक-दूसरे का सहयोग
एक-दूसरे से अलग होने के बाद भी दोनों अस्पताल एक दूसरे का सहयोग करेंगे. दोनों अस्पतालों की अपनी-अपनी लैब होगी. इसके अलावा दोनों अस्पतालों के बीच एक एडवांस लैब बनायी जाएगी। जहां पर जरूरत पड़ने पर एडवांस जांच हो सकेंगी. मरीजों को किसी भी जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
पूरी दिल्ली में एक ही आईडी अस्पताल
कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से निर्देश दिए गए थे कि इंफेक्शन डिजीज (आईडी) के लिए अस्पतालों को बेहतर बनाया जाए. इसके अलावा, प्रत्येक जिले में एक इंफेक्शन डिजीज का अस्पताल होना चाहिए. जबकि पूरी दिल्ली में एक ही अस्पताल है. ऐसे में इंफेक्शन डिजीज अस्पताल को अत्याधुनिक बनाने के लिए यह फैसला किया गया है.
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वहीं, केंद्र सरकार ने राजन बाबू अस्पताल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन टीबी मैनेजमैंट का खिताब दिया. यहां पर डीएनबी डिग्री की ट्रेनिंग होती है. इसके अलावा टीबी के क्षेत्र में रिसर्च हो रही है. दोनों अस्पतालों के अलग होने से टीबी के ऊपर रिसर्च को गति मिलेगी.
RBIPMT और MVID अस्पताल के अलग-अलग संचालन का फैसला किया गया. दोनों अस्पतालों को मर्ज किए जाने से अस्पताल प्रबंधन पर अतिरिक्त दवाब था. इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही थी. सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य हमेशा से हमारी प्राथमिकता रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तरफ कदम बढ़ाते हुए आरबीआईपीएमटी और एमवीआईडी अस्पताल को अलग-अलग करने का फैसला किया है.
(इनपुटः बलराम पांडेय)