MP Election 2023: वोटिंग के बीच BJP के इस दिग्गज नेता ने CM पद की दावेदारी से किया इनकार, कहा- मैं रेस में नहीं
Madhya Pradesh Election 2023: कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर के एक मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला. इस दौरान उन्होंने BJP की जीत का दावा करते हुए कांग्रेस की पर निशाना साधा. साथ ही खुद को CM पद की रेस से बाहर बताया.
Madhya Pradesh Election 2023: आज मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है, जिसमें BJP, कांग्रेस, AAP, BSP सहित सभी राजनीतिक दलों के 2533 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. मतदान केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही है, कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर के एक मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने BJP की जीत का दावा करते हुए कांग्रेस की पर निशाना साधा. साथ ही खुद को CM पद की रेस से बाहर बताया.
ग्वालियर मतदान करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बातचीत की, इस दौरान उन्होंने CM पद की दावेदारी के सवाल का भी जवाब दिया. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं CM पद की रेस में न कभी था और न ही आज हूं. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि ये रेस CM पद की नहीं बल्कि प्रदेश के विकास और जनता के विश्वास की है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.
शिवराज सिंह चौहान को नहीं बनाया गया CM फेस
पिछले दो दशक से मध्य प्रदेश की कमान संभाल रहे CM शिवराज सिंह चौहान को इस बार BJP ने CM फेस नहीं बनाया है. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार अगर MP में इस बार BJP की सरकार बनती है तो CM का चेहरा बदल सकता है.
CM पद की रेस में ये बड़े नाम
शिवराज सिंह चौहान के बाद BJP के पास CM पद के लिए दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम है. इसके पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी CM फेस के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन उनके बयान के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि वो CM पद के दावेदारों में शामिल नहीं हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में जाने से गिरी कांग्रेस सरकार
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से कांग्रेस ने 114 सीटों पर और भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. BJP का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस ने 34 में 26 सीटें जीतकर प्रदेश की सत्ता हासिल की. इस जीत में सबसे बड़ा हाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का था. लेकिन जीत के बाद प्रदेश की राजनीति में सिधिंया को ऊंचा स्थान नहीं मिलने की बाद उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया और वो अपने समर्थकों के साथ BJP में शामिल हो गए और इसी के साथ कांग्रेस की सरकार गिर गई. ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल संभाग में BJP पहले से भी ज्यादा मजबूत हुई है.