Chhattisgarh: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ने जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियों का काम बढ़ा दिया है. ये हम नहीं, बल्कि दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार समेत कई राज्यों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अति सक्रियता से पता चल रहा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों ने ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी को पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों को जनता की नजर में गिराने की कोशिश बताया है. 


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एक और कथित शराब घोटाले मामले में ईडी के समन जारी करने के बावजूद दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए आने से इनकार कर दिया कि जांच एजेंसी ने समन में यह नहीं बताया कि उन्हें केस में किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी को भेजे पत्र में उन्होंने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया है. अब यही बात छत्तीसगढ़ से निकलकर सामने आई है. 


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छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ईडी का यह दावा कि उन्हें महादेव ऐप प्रमोटरों ने 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, क्या इससे बड़ा मजाक हो सकता है?. अगर आज मैं किसी को पकड़कर उससे पीएम मोदी का नाम लेने के लिए कहूं, तो क्या ईडी उनसे पूछताछ करने लगेगी. बघेल ने कहा कि आज किसी की भी प्रतिष्ठा को धूमिल करना बहुत आसान हो गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कामुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं.


ईडी की नीयत पर उठे सवाल 
भूपेश बघेल ने कहा कि 'महादेव ऐप' की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है. ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान जाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है. अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है, बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी जाहिर करता है.


सुरक्षा के बावजूद कैश कैसे आ रहा छत्तीसगढ़ 
सीएम ने कहा कि इस समय राज्य में चुनाव हो रहे हैं. सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में है. पुलिस-सीआरपीएफ के जवान जांच कर रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर लोग किस तरह से छत्तीसगढ़ पहुंच पा रहे हैं, कहीं इसमें भी तो केंद्रीय एजेंसियों की सांठगांठ नहीं चल रही है? कहीं ये रकम उन संदूकों में तो भरकर नहीं लाई गई है जो ईडी के अफसरों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष विमान से आए.


किसी भी हद तक जा सकती है ईडी 
भूपेश बघेल ने कहा कि वह पहले भी कहते आ रहे हैं कि ईडी किस तरह से काम करती है. वह पहले लोगों के नाम तय करती है फिर गिरफ्तार कर डराती-धमकाती है और उन्हें दूसरे नाम लेने के लिए बाध्य करती है और ऐसा करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है. मारना, डराना, धमकाना तो सामान्य बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसका एक-एक कार्यकर्ता तैयार है. केंद्र सरकार को चेताते हुए बघेल ने कहा कि ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों से मुकाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे.