एमसीडी हेल्थ ट्रेड लाइसेंस की दरें बढ़ा दी हैं, जिसके बाद से ही लगातार व्यापारी संगठनों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. सीटीआई ने शुक्रवार को व्यापारियों की महापंचायत बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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नई दिल्ली: एमसीडी ने निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से हेल्थ ट्रेड लाइसेंस की दरें बढ़ा दी हैं, जिसके बाद से ही लगातार व्यापारी संगठनों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने शुक्रवार को व्यापारियों की महापंचायत बुलाई है, जिसमें तमाम मार्केट एसोसिएशन और व्यापारी जगत के नेता सम्मलित होकर आगे की रणनीति तय करेंगे.
बैंक्वेट हॉल, होटल और रेस्तरां चलाने वालों पर असर
एमसीडी के इस फैसले के बाद बैंक्वेट हॉल, होटल और रेस्तरां मालिकों को नए लाइसेंस के लिए 1000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस अलग से देनी होगी, तो वहीं डी-सीलिंग की स्थिति में नए लाइसेंस लेने पर हर साल लाइसेंस शुल्क का तीन गुना भुगतान करना पड़ेगा. फीस में 50-500 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की है, जिससे व्यापारी संगठन परेशान है.
एमसीडी ने 94 श्रेणियों में हेल्थ लाइसेंस पंजीकरण की दरें बढ़ाई हैं. इसमें बैंक्वेट हॉल, होटल, रेस्टोरेंट के साथ जिम, सैलून, पान की दुकान, कैटरिंग, खाने-पीने की दुकान, कॉफी हाउस, धर्मशाला, बेकरी, मिठाई की दुकान, फ्लोर मिल, मेडिकल स्टोर, गेस्ट हाउस और आइसक्रीम फैक्ट्री समेत कई व्यापार शामिल हैं.
एमसीडी के इस फैसले के आने के बाद से ही व्यापारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. बुधवार को 200 व्यापारी नेताओं ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया था, जहां पर पुलिस ने व्यापारी नेताओं को गिरफ्तार करके राजेन्द्र नगर थाने में बंद कर दिया था, इसको लेकर भी व्यापारियों में नाराजगी है.
व्यापार हो जाएगा चौपट
ट्रेड लाइसेंस की दरें बढ़ाने का सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के इलाकों पर देखने को मिलेगा. दिल्ली में पहले तीन अलग-अलग निगम थे, तब दोनों क्षेत्रों में मौजूद बैंक्वेट हॉल, होटल और रेस्तरां की दक्षिणी निगम क्षेत्र की तुलना में हेल्थ ट्रेड लाइसेंस की दरें कम थीं. अब तीनों निगम के एक होने पर फीस की दरें भी समान हो गई हैं. व्यापारियों का कहना है कि दक्षिणी निगम क्षेत्र की तरह उत्तरी और पूर्वी दिल्ली विकसित नहीं है, जिसके चलते बढ़ी हुई दरों से उनका व्यापार चौपट हो जाएगा.
शुक्रवार को आयोजित होने वाली महापंचायत में काफी संख्या में व्यापारी और व्यापारी नेता शामिल होंगे, जिसमें आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाकर ट्रेड लाइसेंस फीस की बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग की जाएगी.
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