Mahendragarh News: इस महाविद्यालय की NSS की छात्राएं बेसहारा बुर्जुगों को करती हैं अडॉप्ट
एक तरफ जहां एकल परिवार के कारण आज के बच्चे बुजुर्गों से दूर होते जा रहे हैं और साथ ही समाज सेवा और सामाजिक सरोकारों से दूरी बनाने लगे हैं. वहीं महेंद्रगढ़ जिले में स्थित उन्हाणी महिला महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राएं एक अनूठी और सकारात्मक सोच के साथ कुछ अलग ही कर रही है.
Mahendragarg News: एक तरफ जहां एकल परिवार के कारण आज के बच्चे बुजुर्गों से दूर होते जा रहे हैं और साथ ही समाज सेवा और सामाजिक सरोकारों से दूरी बनाने लगे हैं. वहीं महेंद्रगढ़ जिले में स्थित उन्हाणी महिला महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राएं एक अनूठी और सकारात्मक सोच के साथ कुछ अलग ही कर रही है. इस महाविद्यालय की NSS की दो यूनिट है, जिसमें 200 छात्राएं हैं. एनएसएस की दो छात्राएं रोजाना कनीना के उप नागरिक अस्पताल में मरीजों की सेवा करती हैं. यह कार्य पिछले लगभग 16 महीने से किया जा रहा है. यह सभी संभव हुआ है यहां के प्रिंसिपल डॉक्टर विक्रम सिंह यादव की सोच और मेहनत से.
डॉक्टर यादव ने बताया कि उन्होंने महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राओं को 3 साल पहले बुजुर्गों से जोड़ने के लिए एक योजना शुरू की थी. वरिष्ठ नागरिक एडॉप्शन. इस कड़ी में एनएसएस के छात्रों को अपने आस पड़ोस के एक-एक बुजुर्ग को अडॉप्ट करते हुए उनकी सेवा करने, उनके साथ समय बिताने और उनकी पुराने समय की बातें जानने का अवसर मिलता है. महाविद्यालय की छात्राएं भी इस काम में काफी खुश हैं साथ ही छात्राएं अपनी गतिविधियों को डायरी में नोट करती हैं.
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इसी तरह महाविद्यालय की तरफ से एक हेल्प डेस्क उप नागरिक अस्पताल में बनाया गया है. यहां रोजाना दो छात्रों के द्वारा हेल्प डेस्क पर लोगों की मदद की जाती है. यहां ड्यूटी देने वाली छात्राओं द्वारा अस्पताल में आने वाले बेसहारा, अनपढ़ और महिलाओं की सहायता की जाती है, जिसमें पर्ची बनवाना, दवाइयां समझना, डॉक्टर के बैठने का स्थान बताना या दूसरी कोई भी जो मदद अस्पताल में मरीजों की हो सकती है वह करने का प्रयास करती हैं.
इसी प्रकार बुजुर्गों को अडॉप्ट करने वाली छात्राएं भी अपने परिवार से अलग आसपास के बुजुर्गों को अडॉप्ट करके उनकी सेवा करती हैं. इस काम में छात्राएं बुजुर्गों के पास बैठकर समय बिताती हैं. साथ ही उनकी समस्याएं जानकर सहयोग करती हैं, जिसमें बुजुर्गों के नाखून काटना, बाल संवारना, दवाइयां समय पर लेने के लिए प्रेरित करना या बाजार से दवाइयां लाने का काम करना भी शामिल रहता है.
यहां महिला महाविद्यालय के स्टाफ और एनएसएस की छात्राओं द्वारा आज के इस भौतिकवादी युग में भाग दौड़ भरी जिंदगी और आपाधापी की जिंदगी में सेवा भाव को हकीकत में प्रैक्टिकल रूप देने का काम किया जा रहा है जो काबिले तारीफ है.
Input: Karamvir Singh