BJP के लिए साख, कांग्रेस के लिए आस, तो AAP के लिए विश्वास की लड़ाई बनेगा MCD Election
MCD Election 2022 Date: MCD चुनाव में भाजपा पिछले 15 साल से जारी अपने जीत के सिलसिले को बरकरार चाहती है, तो वहीं केजरीवाल दिल्ली में सत्ता के बाद अब MCD में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं.
Delhi MCD Election 2022: आज यानी शुक्रवार शाम तक दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) चुनाव की घोषणा हो सकती है. राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) आज शाम 4 बजे तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर ऐलान कर सकता है. वहीं चुनाव की घोषणा होने के साथ ही आचार संहिता लगाई जा सकती है. दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम तैयार कर लिए हैं. ऐसे में चुनाव की तारीख का एलान हो सकता है. वहीं सूत्रों के अनुसार दिसंबर के पहले हफ्ते में एमसीडी चुनाव हो सकते हैं.
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बता दें कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार है. वहीं इस बार भी भाजपा इस बार भी सत्ता में आने के पूरे जोर लगा रही है. वहीं आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में 8 साल से प्रचंड बहुमत के साथ है, लेकिन सत्ता में होने के बावजूद MCD में दबदबा कायम नही कर पाई. वहीं केजरीवाल दिल्ली में सत्ता की तरह MCD में भी अपना रुतबा बनाना चाहते हैं. इसके लिए इन दिनों आप (AAP) ने बीजेपी (BJP) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं आप ने भाजपा के खिलाफ कुड़े के पहाड़ को लेकर मोर्चा खोल रखा है.
इस बार के चुनाव में भाजपा और आप के बीच टक्कर रहने वाली है. वहीं एक तरफ आप (AAP) ने महिलाओं को साधने के लिए अलग से महिला मोहल्ला क्लीनिक की सौगात दी है. वहीं डीटीसी फ्री योजना के तहत 40% महिलाएं फ्री में यात्रा करती हैं. इस तरह केजरीवाल महिला मतदाता के साधने की कवायद की है.
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वहीं भाजपा पिछले 15 साल से दिल्ली नगर निगम में बरकरार है. वहीं भाजपा अपने इस जीत के सिलसिले को बरकरार चाहती है. इसलिए भाजपा भी वोटरों को साधने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के कालकाजी इलाके में झुग्गी-झोपड़ी वालों को 3024 फ्लैट की चाबी सौंपी और कहा कि ये झुग्गीवासियों के लिए जीवन की नई शुरुआत है. वहीं भाजपा ने इससे पहले साल 1998 से 31 मार्च 2009 तक की MCD में नियुक्ति वाले सभी कर्मचारियों को स्थाई तौर पर पक्का किया है.
दिल्ली नगर निगम का गठन 7 अप्रैल 1958 को हुआ था. वहीं 2012 में शीला दीक्षित ने नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया था. बता दें कि दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित और मेयर राम बाबू शर्मा की कभी नहीं बनी. इसलिए शीला दीक्षित ने राम बाबू की राजनीति को खत्म करने के लिए शीला दीक्षित ने इसे तीन भागों में बांट दिया था. वहीं अब इसी साल 2022 में भाजपा ने दोबारा दिल्ली नगर निगम को एक कर दिया था. वहीं वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 हो गई है. वहीं 42 वार्डों को अनुसुचित जाती के लिए आरक्षित किया गया है.