Noida Crime News: पैसों के लिए घोटा दोस्ती का गला, 2 साल की मासूम को उतारा मौत के घाट
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Noida Crime News: पैसों के लिए घोटा दोस्ती का गला, 2 साल की मासूम को उतारा मौत के घाट

Noida Muder News: ग्रेटर नोएडा में 2 साल की मासूम को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने फिरौती मांगे ने लिए मासूम का अपहरण किया था.  

Noida Crime News: पैसों के लिए घोटा दोस्ती का गला, 2 साल की मासूम को उतारा मौत के घाट

Noida Crime News: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 2 साल की मासूम के हत्यारोपी राघवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने फिरौती के लिए मासूम बच्ची मानसी का अपहरण किया था. वहीं पकड़े जाने के डर से उसने बच्ची की हत्या कर दी. इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने मासूम के शव को पिट्ठू बैग में डालकर दरवाजे के पीछे खुंटी से टांग दिया, लेकिन वो न तो शव को ठिकाने लगा पाया और न ही फिरौती मांग पाया. 

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पुलिस के गिरफ्त में आखिरकार राघवेंद्र आ ही गया. आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद गायब हो गया था. पुलिस ने उसे उस समय गिरफ्तार किया, जब वह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से फरार होने की कोशिश कर रहा था. एडिशनल डीसीपी राजीव दीक्षित ने बताया कि राघवेंद्र से की गई पूछताछ उसने बताया कि उसकी नौकरी 5 अप्रैल को छूट गई थी, उसे पैसे की जरूरत थी. जब उसने राघवेंद्र की पत्नी मंजू को यह कहते सुना कि उसके पति शिवकुमार के खाते में 10 से 12 लाख रुपये हैं. उसने मानसी के अपहरण की योजना बना ली और पूरे परिवार को गांव छोड़कर वापस आया और साथ 7 अप्रैल को मानसी को अगवा कर लिया.

एडिशनल डीसीपी ने बताया कि राघवेंद्र शिवकुमार से फिरौती मांगने वाला था, कि इस दौरान बच्चे के गायब होने की खबर फैल गई और बच्ची का परिवार और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई, जिससे वह घबरा गया. इसके बाद उसने शाल से बच्ची का गला घोटकर हत्या कर दी. शव को एक बैग में रख दिया, लेकिन वह शव को ठिकाने नहीं लगा पाया न ही फिरौती की मांग कर पाया. वह लगातार शिव कुमार के परिवार के साथ मिलकर बच्ची को तलाशने का नाटक करता रहा और पुलिस की कार्रवाई की जानकारी हासिल करता रहा. इस बीच जब राघवेंद्र के कमरे से बदबू आने लगी तो लोगों ने इसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि कमरे में कोई चूहा मर गया होगा. इसके बाद अपना भेद खुलता देख राघवेंद्र वहां से भाग गया. आरोपी ने बताया कि किसी को शक न हो कि इसलिए उसने शव हो पिट्ठू बैग में रखा था. राघवेंद्र का इरादा शव को जंगल या नदी में ठिकाने लगाने था.

आरोपी राघवेंद्र के पकड़े जाने के बाद शिवकुमार और उनका परिवार सदमे में है. मंजू का रो-रोकर बुरा हाल है और बीच-बीच में वह बेहोश भी हो जाती है. दोनों परिवारों का साथ 5 साल से ज्यादा पुराना है, जो मानसी राघवेंद्र को फूफा कहकर बुलाती थी. वह उसकी चंद पैसों के जान ले लेगा इसका अंदेशा किसी को नहीं था.