नोएडा का भ्रष्ट ट्विन टावर तो ढह गया, लेकिन अब बारी है उन अधिकारियों की जो इस भ्रष्टाचार में बराबर की सजा के हकदार हैं. इस मामले में 4 आईएएस (IAS) समेत 26 अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
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Super tech Twin Tower: नोएडा का भ्रष्ट ट्विन टावर तो ढह गया, लेकिन अब बारी है उन अधिकारियों की जो इस भ्रष्टाचार में बराबर की सजा के हकदार हैं. इस मामले में 4 आईएएस (IAS) समेत 26 अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. नोएडा के ट्विन टावर को 15 मंजिला से 32 मंजिला करने वाले अधिकारियों पर कानून का डंडा चलने जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 26 सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. CM ऑफिस से इन अफसरों की लिस्ट भी जारी की है. ट्विन टावर को अग्निशमन की ओर से एनओसी देने में अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कसेगा.
उस इमारत को बनाने में रिश्वतखोर अधिकारियों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को कहा था कि ट्विन टावर को बनाने में नोएडा अथॉरिटी अफसरों की आंख, नाक और कान से भ्रष्टाचार टपक रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल आज के ही दिन ट्विन टावर को गिराने का फैसला सुनाया था. इस फैसले में SC ने 3 महीने के अंदर ही इस इमारत को गिराने का निर्देश दिया था. इसके बाद पूरे प्रदेश में खलबली मची. आनन-फानन में प्रदेश सरकार की तरफ से 3 सितंबर 2021 को 4 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया. इस समिति ने एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी. इस रिपोर्ट में ही तुरंत नोएडा प्राधिकरण के दोषी अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए कहा गया, लेकिन प्लानिंग में देरी होने के कारण ये 28 अगस्त, 2022 को गिराया गया.
ये अधिकारी थे शामिल
सीएम ऑफिस से जिन अधिकारियों की लिस्ट जारी हुई है, वो टावर बनते समय किसी न किसी पद पर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी (NDA) में तैनात थे. इनके संरक्षण में ही इमारत को 15 से 32 मंजिल बनाने की मंजूरी दी गई थी. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो दोषी होंगे वो बक्शे नहीं जाएंगे. अपने स्तर पर भी देखेंगे और जरूरत पड़ी तो आगे भी अन्य पर भी कार्रवाई होगी. उन अधिकारियों में से अधिकतर अफसर रिटायर हो चुके हैं. तत्कालीन अफसरों के अलावा सुपरटेक लिमिटेड के चार निदेशक और आर्किटेक्ट भी आरोपियों की लिस्ट में शामिल हैं.
इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-166, 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत FIR दर्ज की गई थी. अगर कोई सरकारी कर्मचारी जो दूसरे नुकसान पहुंचाने के इरादे से कानून का उल्लंघन करता है उसके खिलाफ IPC की धारा-166 मामला दर्ज होता है, इसके लिए उसे जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है. वहीं IPC की धारा-120B का मतलब साजिश रचने से है, जबकि भ्रष्टाचार को लेकर उसके अधिनियम की धारा भी लगाई गई है.
इस मामले पर कोर्ट के आदेश के बाद एक उच्च स्तरीय जांच हुई थी, जिसमें नोएडा विकास प्राधिकरण के 26 अधिकारियों को ट्विन टावर्स के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार में शामिल होने का दोषी पाया गया था. इसके अलावा सुपरटेक कंपनी के चार निदेशक और दो आर्किटेक्ट भी भ्रष्टाचार के दोषी थे. इसको लेकर सीएम योगी के निर्देश पर तत्कालीन आईआईडीसी संजीव मित्तल की अध्यक्षता में 4 सदस्य एसआईटी का गठन कर दिया गया है.