Nuh Conspiracy: राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों की चार और कंपनी मांगी है. उन्होंने कहा कि आईआरबी की एक बटालियन भी नूंह में तैनात की जाएगी. केंद्रीय बलों की 20 कंपनी पहले से ही हरियाणा में तैनात हैं.
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Nuh Conspiracy: विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रजमंडल यात्रा पर 31 जुलाई को पथराव के बाद भड़की हिंसा की चिंगारी ने देखते ही देखते हरियाणा के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया. नूंह में शुरू हुई हिंसा ने आसपास के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले कई गांवों को चपेट में ले लिया. कई लोगों ने अपनी रोटी रोजी रोटी गंवा दी तो किसी ने अपने परिजन. हिंसा में अब तक 6 लोगों के मारे जाने की खबर है. एक ओर सरकार ने ब्रजमंडल यात्रा पर हमले को सुनियोजित बताते हुए घटना की निंदा की है. वहीं हिंसा के लिए विपक्ष ने हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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नूंह हिंसा पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने सवाल उठाया- क्या साजिशन हरियाणा को धार्मिक दंगों में झोंका गया. नूंह और बाकी इलाकों में जो हिंसा हुई, वह सीधे तौर पर इस ओर इशारा करती है. अनुराग ढांडा ने कहा, प्रशासन को पहले से इस घटना की जानकारी थी. नूंह के सैकड़ों पुलिस वालों को VIP ड्यूटी करने के लिए बाहर भेज दिया गया गया था. नूंह के पुलिस अधीक्षक जानबूझ कर उस दिन छुट्टी पर थे.
इस पर जब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा ऐसा कुछ नहीं है. वो जानबूझकर छुट्टी पर नहीं गए थे. वहीं साइबर थाने में ही क्यों आग लगाई गई, इस पर विज ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है. नूंह की हिंसा से भरतपुर (राजस्थान) के नासिर-जुनैद हत्याकांड में आरोपी मोनू मानेसर का नाम सामने आने के बाद अनिल विज ने कहा, यदि उसकी कोई भूमिका होगी तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
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उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा में तथ्यात्मक चीजों को एकत्र किया जा रहा है और जगह-जगह पर पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है. अनिल विज ने कहा कि मोनू मानेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय बलों की चार और कंपनी मांगी
राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों की चार और कंपनी मांगी है. उन्होंने कहा कि आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) की एक बटालियन भी नूंह में तैनात की जाएगी. मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय बलों की 20 कंपनी पहले से ही हरियाणा में तैनात हैं, जिनमें से 14 नूंह, 3 पलवल में, 2 गुरुग्राम और एक फरीदाबाद में तैनात है. उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
विहिप नेता ने भी दी चुनौती
अब हिंसा शुरू होने से चंद घंटे पीछे की ओर चलते हैं जब मोनू मानेसर ने खुद वीडियो जारी कर जानकारी दी थी कि वह बृजमंडल यात्रा में शामिल हो सकता है. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा था कि पिछले 3 साल से यह यात्रा मेवात जिले में चलाई जा रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर मोनू मानेसर आएगा तो ताल ठोक कर आएगा, न उसे प्रशासन रोक सकता है, न यहां की जनता. उसे यहां पर लाना या नहीं लाना हमारी जिम्मेदारी है, प्रशासन की नहीं.
वहीं आज चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम मनोहर लाल का बयान उनके लिए मुसीबत बन सकता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस और सेना हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती. वहीं प्रदेश के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन कई बार घट जाती हैं. सरकार इसके पीछे के लोगों की जानकारी जुटा रही है.
अब सवाल उठते हैं कि क्या हिंसा प्रायोजित थी या सिर्फ एक व्यक्ति (मोनू मानेसर) के वीडियो ने इतना घमासान मचा दिया. एक प्रश्न ये भी है कि क्या ये हिंसा आगामी चुनाव में अपनी जमीन बचाने की राजनीतिक दलों की कवायद है. एक सवाल ये भी है कि आखिर जनता कब तक राजनीतिक दलों का मोहरा बनकर यूं ही मजहबी कट्टरता की शिकार होती रहेगी. आखिर कौन है नूंह हिंसा का असल खलनायक. बहरहाल कुछ भी हो लेकिन चुनाव के मद्देनजर पार्टियों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है.
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