Palwal News: HC के फर्जी आदेश से की लाखों रुपये की ठगी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
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Palwal News: HC के फर्जी आदेश से की लाखों रुपये की ठगी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

Palwal News: हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय का फर्जी आदेश बनाकर एवं रिवेन्यू डिपार्मेंट का फर्जी चेक मोहर तैयार कर लाखों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं अदालत में पेश करके चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है.

 

Palwal News: HC के फर्जी आदेश से की लाखों रुपये की ठगी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

Palwal News: पलवल साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय का फर्जी आदेश बनाकर एवं रिवेन्यू डिपार्मेंट का फर्जी चेक मोहर तैयार कर लाखों रुपये की ठगी करने वाले दूसरे आरोपी को मुंबई जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है, जबकि आरोपी के पिता को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश करके चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है.

साइबर क्राइम थाना पलवल में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गांव बहिन निवासी गजराज ने जिला पुलिस अधीक्षक पलवल कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पिता जोकि राजस्व विभाग में पटवारी के पद से रिटायर हो चुके हैं. उन्हें निलंबित होने की वजह से सेवा लाभ नहीं मिलने का केस वह उच्चतम न्यायालय से हार गए हैं. 

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इस बारे में वह अपने जानकार राजपाल सिंह मलिक से बात कर रहे थे तो वहां पर मौजूद फरीदाबाद निवासी मिथुन कौशिक एवं उनके पिता राजेंद्र कौशिक ने पीड़ित को भरोसा दिलाया कि उनकी लड़की किरण जोकि हाईकोर्ट में वकील है और दो बार जज का टेस्ट दे चुकी है. उसके चंडीगढ़ एवं फरीदाबाद में जजों से भी अच्छे संबंध हैं. किरण इस काम को हाईकोर्ट से करवा देगी और यह भी कहा कि मिथुन कौशिक कुछ न्यायालय के जज की कोठियां पर जाकर भी काम करवा लेता है. राजेंद्र कौशिक ने उसे आश्वासन दिया कि उसके दोनों बच्चे यह केस उच्च न्यायालय से करा देंगे और काम का 30 पर्सेंट कमीशन लेंगे और बताया कि जैसे-जैसे काम होता रहेगा, वैसे-वैसे ही हमे पैसे देते रहना.
 
उसकी बातों में आकर पीड़ित ने कागज वकालतनामें पर पिता के दस्तखत करा दिए और उनके कहे अनुसार 25 हजार रुपये दे दिए और 10 दिन बाद 40 हजार रुपये ले लिए. इस तरह उससे 3 लाख रुपये ले लिए. कुछ दिन बाद किरण ने फोन से बताया कि वह कैस जीत गए हैं और अगले दिन मिथुन ऑर्डर की कॉपी लेकर उसके घर आया और उसने आर्डर की कॉपी दिखाकर कहा कि जज ने फाइनल ऑर्डर करने व पूरा पैसा दिलाने के लिए 5 लाख रुपये मांगे हैं. उन्होंने बताया कि उसके पिता का केस का टोटल करीब एक करोड़ के लगभग बनेगा. उनकी बातों पर भरोसा करके पीड़ित ने उसे 5 लाख रुपये फिर दे दिए.

इसके बाद 10 सितंबर वर्ष 2020 को 98 लाख 25 हजार 432 रुपये का चेक रेवेन्यू डिपार्टमेंट की मोहर सहित बनाकर पीड़ित को दिखाया और यह कहकर मना कर दिया कि इसमें अभी एक कागज बकाया है. आपका सारा काम हो गया है. सरकार ने चेक बना दिया है, परंतु संबंधित अधिकारी इसे क्लियर कराने के लिए 3 लाख रुपये मांग रहा हैं, जिस पर पीड़ित ने उसे 3 लाख रुपये दे दिए. इसी प्रकार तरह-तरह का बहाना बनाकर आरोपियों ने पीड़ित से 28 लाख 50 हजार रुपये ले लिए, लेकिन उन्हें न पैसे मिले और न ही चेक ड्राफ्ट मिला, जब पीड़ित को उन पर शक हुआ तो उसने इस बारे में उच्च न्यायालय के अन्य वकीलों से पता किया तो पता चला कि आरोपियों ने साज बाज होकर अदालत के फर्जी आदेश बनाकर उससे ठगी की है.

इस मामले में शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच शाखा में तैनात उप निरीक्षक जवाहर सिंह द्वारा कार्रवाई अमल में लाई गई. जांच में आरोपियों द्वारा साज बाज होकर फर्जी हाई कोर्ट के आदेश, फर्जी रेवेन्यू डिपार्टमेंट का चेक, फर्जी एसबीआई का डीडी एवं चेक तैयार कर पीड़ित के साथ ठगी होना पाया गया, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित किए गए और बहिन थाना में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया. इसके बाद आरोपी मिथुन एवं राजेंद्र कौशिक ने अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट पलवल में अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जिसको अदालत ने खारिज कर दिया.

6 मार्च वर्ष 2022 को आरोपी राजेंद्र दत्त कौशिक निवासी सेक्टर 22 फरीदाबाद, जिला फरीदाबाद के सेक्टर 8 थाना में दर्जन अन्य मामले में पेश होने पर नियम अनुसार उसे गिरफ्तार किया गया और तभी से आरोपी मिथुन पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था, जिसे अब साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने मुंबई जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी को अदालत में पेश करके गहन पूछताछ के लिए चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है. रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से और भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है. आरोपी मिथुन के खिलाफ फरीदाबाद के थानों में एक दर्जन मुकदमे धोखाधड़ी के दर्ज हैं.

Input: Rushtam Jakhar