Palwal News: सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि मिल के सभी बाहीय गन्ना क्रय केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं. मिल के क्रय केंद्रों के ट्रांसपोटर्स को समयानुसार अपने ट्रांसपोर्ट एवं लेबर का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी केंद्र पर गन्ना लदाई व ढुलाई में मिल के साथ-साथ किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.


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इस वर्ष मिल क्षेत्र में कुल 16 हजार 980 एकड़ गन्ना है. मिल क्षेत्र के गन्ना किसानों द्वारा 38 लाख क्विंटल गन्ने की बोंडिंग करवाई गई है और मिल को लगभग 32 लाख क्विंटल गन्ना मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस सीजन के दौरान हरियाणा सरकार ने प्रति क्विंटल गन्ने का रेट 372 रुपये से 14 रुपये बढ़ाकर 386 रुपये कर दिया गया है, जोकि भारतवर्ष में गन्ने का सर्वाधिक रेट है.


उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम अगेती किस्म के पेडी का गन्ना लिया जाएगा, जिसके बाद मध्यम पेडी व पछेती किस्म की पेडी का गन्ना लिया जाएगा. उन्होंने सभी गन्ना उत्पादक किसानों से आह्वान करते हुए कहा है कि वे समयानुसार अपनी लेबर का इंतजाम कर लें और मिल हित में साफ-सुथरा गन्ना ही सप्लाई करें.


सहकारिता मंत्री डॉ.बनवारी लाल ने कहा कि भाजपा सरकार किसान हितैषी सरकार है. केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक फैसले लिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रबी व खरीफ की फसलों को एमएसपी लागू किया गया है. किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है. केंद्र सरकार ने किसानों के हित में सॉयल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई है. 


सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसान भूमि में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है. सरकार ने किसानों की भलाई के लिए किसान सम्मान निधि योजना बनाई ताकि किसानों को फसलों की बिजाई के लिए बीज, खाद व कीटनाशक समय पर उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि किसान भाई नेनो यूरिया का प्रयोग करें, नैनो यूरिया के माध्यम से फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है.


सहकारिता मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के चार जिलों फरीदाबाद, पलवल, नूंह एवं गुरुग्राम के किसानों से जुड़ी हुई पलवल सहकारी चीनी मिल 1973 में रजिस्टर्ड हुई थी और वर्ष  1984-85 में 1250 टी.सी.डी की क्षमता के साथ पिराई का शुभारंभ किया गया था. मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार गत वर्ष से मिल की पिराई क्षमता 2200 टीसीडी कर दी गई है.


पलवल शुगर मिल का एरिया 32 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है. इससे लगभग 400 गांवों के किसान लाभान्वित हैं. वर्तमान में मिल के 44105 शेयर धारक हैं और लगभग 2470 किसानों के माध्यम से मिल गेट व 21 बाह्य गन्ना क्रय केन्द्रों द्वारा गन्ना उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मिल में गन्ना लाने वाले किसानों को फसल की पेमेंट समय पर की जाएगी.


मिल में किसानों की सुविधा के लिए अटल कैंटीन योजना के तहत किसान भाईयों को 10 रुपये में भोजन की व्यवस्था की गई. किसानों को यार्ड में रहने के लिए गेस्ट हाउस की सुविधा की गई है. मिल में गन्ना लाने वाले किसानों के लिए ऑनलाइन पर्ची की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इस बार पलवल शुगर मिल का रिकवरी रेट 10 से ऊपर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी मिलों को घाटे से उभारने के लिए सरकार द्वारा मिलों एथेनॉल के प्लांट लगाए जा रहे हैं. मिलों में रिफाइंड शुगर बनाई जा रही है.


इसके अलावा बगास और कम्पोस्ट बायोगैस बनाने का कार्य भी किया जा रहा है. हरियाणा सरकार द्वारा गन्ना आयुक्त के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अनुदान भी प्रदान किये जा रहे हैं. इसलिए किसान भाईयों से अपील है कि वे इन सुविधाओं का लाभ लेते हुए आधुनिक तकनीक से अगेती किस्म की नई वैरायटी के गन्ने का अधिक से अधिक उत्पादन करने का प्रयास करें.


Input: Rushtam Jakhar