Palwal News: सुनो सरकार! सांसद के गोद लिए गांव में मूलभूत सुविधाओं की दरकार, चारों तरफ फैला गंदगी का अंबार
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Palwal News: सुनो सरकार! सांसद के गोद लिए गांव में मूलभूत सुविधाओं की दरकार, चारों तरफ फैला गंदगी का अंबार

Palwal News: पलवल के गांव गहलब को आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2022 में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने गोद लिया था. सांसद द्वारा गांव गोद लिए जाने के बाद यहां के लोगों को लगा था कि उनके गांव के हालात सुधरेंगे, लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

Palwal News: सुनो सरकार! सांसद के गोद लिए गांव में मूलभूत सुविधाओं की दरकार, चारों तरफ फैला गंदगी का अंबार
Palwal News: हरियाणा के पलवल जिले के  गहलब गांव केंद्रीय राज्य मंत्री व फरीदाबाद से लोकसभा सांसद कृष्णपाल गुर्जर द्वारा गोद लिए जाने के बाद भी आदर्श गांव नहीं बन पाया. ग्रामीण वर्षों से यहां पर नारकीय जीवन जी रहे हैं. गांव में पीने के पानी, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. गांव में जगह-जगह गंदगी का अंबार नजर आता है. 
 
पलवल के गांव गहलब को आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2022 में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने गोद लिया था, कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद लोकसभा से सांसद हैं. सांसद द्वारा गांव गोद लिए जाने के बाद यहां के लोगों को लगा था कि उनके गांव के हालात सुधरेंगे, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. सांसद के गोद लेने के बाद भी गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं के आभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
 
गहलब गांव में गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से जोहड़ से पानी ओवरफ्लो होकर वापस रास्तों में बह रहा है. इस गांव में पिछले कई सालों से हालात ऐसे ही हैं. रास्ते पर बहने वाले गंदे पानी की वजह से लोगों को निकलने में परेशानी होती है, साथ ही वो संक्रामक बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं.बारिश के दिनों में यहां के हालात और खराब हो जाते हैं. गांव के कुछ हिस्सों में तो लोगों ने अपने पैसों से पाइपलाइन डालकर पानी को दूसरे जगह तक पहुंचा रहे हैं, जिससे उनके घर के रास्ते के आगे जल भराव ना हो.
 
 
गंदे पानी की निकासी के साथ ही गांव में पेयजल की सप्लाई की भी उचित व्यवस्था नहीं है. ऊंचाई वाली जगह पर पानी नहीं पहुंच पाता है, जिसकी चलते वहां पर लोगों को भारी परेशानियों उठानी पड़ती हैं. गांव की सड़कों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से रात के समय सड़कों में अंधेरा नजर आता है. ग्रामीणों में बताया कि पहले गांव में बिजली 24 घंटे आई थी, लेकिन अब बिजली कुछ घंटे ही रहती है.  जगमग योजना के तहत उनके गांव को 24 घंटे की बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन अब बिजली न होना भी एक बड़ी समस्या बन गया है. 
 
 ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कोई भी रास्ता ऐसा नहीं है, जहां पर गंदगी की ढेर ना लगा हो, गांव की सफाई की जिम्मेदारी केवल एक ही सफाई कर्मचारी के कंधों पर है. बच्चों के लिए नया स्कूल तैयार हो रहा है, लेकिन अभी वह शुरू नहीं हो पाया है. स्कूल के अलावा युवाओं के खेलने के लिए किसी प्रकार का कोई स्टेडियम गांव में नहीं है, जिसके कारण यहां के युवा खेलों के लिए तैयारी नहीं कर पाते हैं. 
 
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव को सांसद ने गोद भले ही ले लिया हो, लेकिन कोई काम नहीं कराया गया है. न ही सांसद के उनको यहां कभी दर्शन होते हैं. वही गांव की महिला सरपंच ने बताया कि उनके गांव में यह सभी समस्याएं कई सालों से चली आ रहे हैं, जिसको लेकर वह सांसद को भी मांग पत्र दे चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
 
Input- Rushtam Jakhar