Parliament Security Breach: दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक मामले में दो और लोगों से पूछताछ की है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिन दो लोगों से पूछताछ की गई है. उनमें से एक आरोपी मनोरंजन डी का करीबी दोस्त है और कर्नाटक का रहने वाला है. वहीं दूसरा व्यक्ति उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने कर्नाटक के बागलकोट शहर से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर साई कृष्णा को हिरासत में लिया है. उसके पिता टॉप पुलिस ऑफिसर हैं. साई मनोरंजन का दोस्त बताया जा रहा है.


ये भी पढ़ें: Delhi Weather Update: सर्दी और कोहरे ने बरपाया कहर, जनवरी में पड़ेगी कड़ाके की ठं


 


उन्होंने बताया कि पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने बुधवार को दोनों से पूछताछ की. सूत्रों ने कहा कि संदेह है कि ये दोनों फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ का हिस्सा हैं. इस पेज को आरोपियों ने संसद के सुरक्षा में सेंध की घटना से पहले बनाया था, हालांकि इसे अब फेसबुक से हटा दिया गया है. वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन पिछले बुधवार को दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और कैन से पीले रंग की गैस छोड़ी.


हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय नीलम और अमोल शिंदे नामक दो प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद हिरासत में लिया गया. संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा उन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. आरोपियों को अब अदालत में पेश किया जाएगा, क्योंकि उनकी सात दिन की पुलिस हिरासत बृहस्पतिवार को समाप्त हो रही है. संभवत: पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ उन्हें और दिन के लिए हिरासत में भेजे जाने की मांग कर सकती है. पुलिस ने बताया कि बाद में घटना के सिलसिले में ललित झा और महेश कुमावत नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की गई.


सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने ‘मेटा’ से कई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के साथ-साथ उनकी 'चैट' का विवरण लिया है. यह भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर चलाते थे. सूत्रों के अनुसार आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए ‘सिग्नल’ ऐप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे. एक अधिकारी ने कहा कि मैसूर के रहने वाले मनोरंजन ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था. पुलिस उन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे.