HAU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बोलीं- कृषि के क्षेत्र में भी बेटियां आगे
Hisar School News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि एचएयू से डिग्री लेने वाले स्नातक किसानों की खुशहाली का दिन है. वहीं सीएम मनोहर लाल ने कहा कि फसल उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, फूलों की खेती, पशुपालन को भी अपनाए किसान.
Hisar News: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के 25वें दीक्षांत समारोह का आयोजन इंदिरा गांधी सभागार में किया गया. इसमें देश की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रही व दीक्षांत संभाषण दिया. दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के माननीय राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने की. अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे.
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दीक्षांत समारोह की शुरुआत में मुख्यातिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत शैक्षणिक शोभा यात्रा निकालकर किया गया. इसके बाद दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना की, साथ ही राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरुआत की. प्रदेश के राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने दीक्षांत समारोह की शुरुआत करने की घोषणा की. उसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों का अभिवादन किया. साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़ी उपलब्धियों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की.
राष्ट्रपति बोलीं कि मैं किसान की बेटी हूं
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मैं खुद किसान की बेटी हूं. इसलिए मैं कृषि से जुड़े विषयों, नई तकनीकों व नवाचारों में रूचि रखती हूं. दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों के लिए डिग्री या उपाधि लेना ही काफी नहीं है. बल्कि यह ऐसा अवसर है, जिसमें युवाओं को जमीनी स्तर पर जाकर चुनौतियों से लड़ने का एक बेहतरीन मौका है, ताकि वे विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान व नई-नई जानकारियों के बल पर किसानों की मदद कर कृषि क्षेत्र को नए आयाम दे सकें. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर देश में खुशहाली ला सकेंगे.
कृषि व विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियां आगे
उन्होंने बताया कि एचएयू के 25वें दीक्षांत समारोह में स्नातक व परस्नातक उपाधि प्राप्त करने व संबंधित विषयों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या अधिक है. यह जीता-जागता उदाहरण है कि कृषि व विज्ञान क्षेत्र में भी लड़कियां आगे हैं, जोकि देश के उत्थान को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा संकेत है. उन्होंने बताया कि उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के पास मौका है कि वे जमीनी स्तर पर किसानों की हर संभव मदद कर कृषि के क्षेत्र में अपना करियर को बेहतर बनाएं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में किसानों के सामने गिरता भू-जल स्तर, मृदा की घटती उर्वरा शक्ति व जलवायु परिवर्तन जैसी मुख्य चुनौतियां हैं, जिनका युवा वैज्ञानिकों को नए शोध कर हल निकालना होगा. मुख्यातिथि ने हरित क्रांति व श्वेत क्रांति में एचएयू के महती योगदान की सराहना की. साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सरसों की आर.एच 725, मूंग की एमएच 421 व 1142 अधिक उपज देने वाली नई किस्मों की सराहना की.
कई फसलों को किया विकास
उन्होंने बताया कि एचएयू अपने स्थापना के समय से ही कृषि, शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार विषय में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिसकी बदौलत हरियाणा केंद्रीय खाद्यान्न भंडार में दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य है. उन्होंने बताया कि एचएयू ने अब तक फसलों की कई किस्मों का विकास किया है. प्रतिवर्ष विभिन्न प्रकार की फसलों का 18 हजार क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन किया जाता है. उन्होंने बताया कि खेती की लागत को कम करने, उत्पादकता बढ़ाने, उसे पर्यावरण अनुकूल बनाने व अधिक लाभदायक बनाने में नई तकनीक की अहम भूमिका है. एचएयू ने इसी कड़ी में ई-ट्रैक्टर भी बनाया है, जोकि हरित ऊर्जा से चलता है. यह नए नवाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि एचएयू ने शिक्षा प्रसार के साथ समाज के कमजोर वंचित वर्गों के उत्थान पर भी काम किया है. विश्वविद्यालय ने 2018 में आयरन और जिंक से भरपूर विश्व का पहला बायो-फोर्टिफाइड बाजरा, हाईब्रिड एचएचबी 299 विकसित किया ताकि महिलाओं में खून की कमी की समस्या को दूर किया जा सकें. मुख्यातिथि ने पंजाब, हरियाणा व नई दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बारे में भी अपने विचार रखे व वैज्ञानिक विधि द्वारा पराली प्रबंधन अपनाने की सलाह दी.
उन्होंने अनाज, फल-फूल, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन व मत्स्य पालन जैसे नए विषयों को उद्योगों के रूप में विकसित कर रोजगार के रूप में अपनाने पर बल भी दिया. उन्होंने एचएयू द्वारा खोले गए क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र को फसल उत्पादन तकनीकों के प्रचार-प्रसार के लिए किसानों के साथ मिलकर चलने के लिए प्रेरित भी किया. उन्होंने बताया कि भारत एक स्टार्टअप हब के रूप में उभरा है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम आज भारत में है. ऐसे में कृषि और इससे जुड़े कई क्षेत्रों में स्टार्टअप की प्रचुर संभावनाएं है. इसलिए युवाओं को आगे आकर रोजगार पाने की बजाय रोजगार देने वाला बनना होगा.
राज्यपाल ने बताई HAU की उपलब्धियां
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने चौधरी चरण सिंह हरियाण कृषि विश्वविद्यालय की नई उपलब्धियां बताई. साथ ही उन्होंने स्नातक-परास्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक होने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने एचएयू द्वारा नए शोध व नवाचारों को अपनाते हुए किसानों तक उनके लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षाविदें को प्रेरित भी किया. उन्होंने अनुसंधान और विकास को देश की उन्नति का आधार बताया. उन्होंने एचएयू द्वारा एग्री-बिजनेस इक्यूबेशन, स्टार्टअप सेंटर द्वारा 90 एग्री-एंटरप्रीनोयर स्थापित करने कृषि विज्ञान केंद्रों पर 7 सामुदायिक रेडियो स्टेशन व न्यूट्री-सिरियल रिसर्च स्टेशन, गोकुलपुरा भिवानी में स्थापित करने के लिए हकृवि की सराहना की.
सीएम ने बताईं विशेषताएं
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी व कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद यह अब उनका सेवा करने का समय है. इसलिए वो विश्वविद्यालय से सीखे हुए ज्ञान को किसानों की सेवा में लगाते हुए उनके जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास करें. उन्होंने बताया कि हरियाणा प्रदेश बना तो हमारे राज्य का अन्न उत्पादन 26 लाख टन था, जोकि अब बढ़कर 183 लाख टन हो गया है. हमारा देश अन्न उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि निर्यात भी कर सकता है. उन्होंने बताया कि इस बढ़ी हुई पैदावार के साथ हमें गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देना है. साथ ही जलवायु परिवर्तन, घटते जल स्तर जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ऐसी किस्में विकसित करनी होंगी, जिनको कम पानी की आवश्यकता हो. फसल उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, फूलों की खेती, पशुपालन आदि को एकीकृत कृषि मॉडल के रूप में अपनाकर किसानों की आय बढ़ानी होगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश की सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई है, जिनका लाभ लेकर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. प्रदेश की सरकार सदा किसान हितैषी है.