राम मंदिर के बाद अभी काशी, मथुरा बहुत कुछ बाकी है: मूलचंद शर्मा
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राम मंदिर के बाद अभी काशी, मथुरा बहुत कुछ बाकी है: मूलचंद शर्मा

बिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. भगवान राम अपने गृह में स्थापित हो चुके हैं और 500 साल बाद हमें यह मौका मिला है. इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है. आज पूरे शहर, पूरे देश में, हर शहर में, हर गांव में दिवाली की तरह उत्सव मनाया जा रहा है.

राम मंदिर के बाद अभी काशी, मथुरा बहुत कुछ बाकी है: मूलचंद शर्मा

Ram Mandir: आज पूरी अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल है. अयोध्या नगरी को सजाया गया है क्योंकि आज राम की प्राण प्रतिष्ठा वहां स्थापित होने जा रही है. तो ऐसे में पूरे देश में राम के नाम की धूम मची हुई है. वहीं बात करें फरीदाबाद की तो फरीदाबाद के मंदिरों को भी भव्य तरीके से सजाया गया है. सुबह से ही कीर्तन, भजन मंदिरों में आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने गौ सेवा करते हुए आज के दिन के कार्यक्रम की शुरुआत की. इसी मौके पर हमारे संवाददाता अमित चौधरी ने की उनसे खास बातचीत. 

कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. भगवान राम अपने गृह में स्थापित हो चुके हैं और 500 साल बाद हमें यह मौका मिला है. इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है. आज पूरे शहर, पूरे देश में, हर शहर में, हर गांव में दिवाली की तरह उत्सव मनाया जा रहा है. आज हर घर में पकवान बने हैं. आज दिवाली जैसा उत्सव है. पूरे देश और दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं.

आज मैने गौ माता के यहां से आज के उत्सव की शुरुआत की है, जिसमें 36 करोड़ देवी देवता वास करते हैं. कई जगह भंडारे हैं. कई कार्यक्रम सप्ताह पर से आयोजित किया जा रहे हैं. आज का दिन खुशी के लिए ऐतिहासिक दिन है.

 विपक्ष लगातार राम मंदिर को लेकर सवाल खड़ा करता हुआ नजर आता थे. तारीख पूछते थे आज तारीख भी है दिन भी है. आज रामलला अपने घर में विराजमान हो रहे हैं. सब कुछ हो गया है अब वह अपने आप को देखें. उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा भी हो सकता है. आज सब कुछ उनके सामने है. आज मंदिर भी है रामलला भी है. तारीख भी है इन लोगों की सोच दूसरी थी. वह लोग कभी नहीं जानते थे कि भगवान राम का मंदिर बने. भगवान राम के नाम से पूजा हो. भगवान है तो सब कुछ है, भगवान नहीं है तो कुछ भी नहीं है. जो स्नातन धर्म की नींव है हम उसके लिए काम करना चाहिए.

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अभी बहुत कुछ बाकी है. मथुरा भी बाकी है. हमारे पूर्वजों से हमारे देवी देवता,जो हमें मिले थे उन सबको वापस लेकर आना है. हमें देश के लिए काम करना है. 140 करोड लोगों के लिए काम करना है. अपने लिए काम नहीं करना है. देश की सीमाएं सुरक्षित करनी है. आम व्यक्ति को रोजगार देना है. देश की जो संस्कृति है उसे और आगे बढ़ाना है.
Input: Amit Chaudhary

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