Ram Mandir: 57 साल पहले ही बन चुका था 'संयोग', राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा का 1967 में लिख दिया गया था साल
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Ram Mandir: 57 साल पहले ही बन चुका था 'संयोग', राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा का 1967 में लिख दिया गया था साल

श्री राम मंदिर को लेकर अलग-अलग तरह के अद्भुत संयोग सामने आ रहे हैं. वहीं नेपाल के डाक टिकट वाले इत्तेफाक से हर कोई हैरान है कि, जिसने ये टिकट जारी की वो विक्रम संवत और अंग्रेजी कैलेंडर का साल एकदम सेम कैसे है.

Ram Mandir: 57 साल पहले ही बन चुका था 'संयोग', राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा का 1967 में लिख दिया गया था साल

Ram Mandir: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों से चल रही हैं. वहीं नेपाल में लगभग 57 साल पुराना श्रीराम और सीता का डाक टिकट सामने आया है. यह डाक टिकट 18 अप्रैल 1967 को यह रामनमवी पर जारी हुआ था. वहीं इसके ऊपर विक्रम संवत लिखा हुआ है, जो कि इस समय राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कारण काफी चर्चा में है. दरअसल विक्रम संवत के अनुसार इस टिकट पर 2024 का जिक्र है. विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से लगभग 57 वर्ष आगे चलता है.  यही कारण है कि साल 1967 में विक्रम  संवत 2024 था. यही वजह है कि 1967 के डाक टिकट पर 2024 लिखा हुआ है. 

प्राण प्रतिष्ठा का अद्भुत संयोग
आपको बता दें कि श्री राम मंदिर को लेकर अलग-अलग तरह के अद्भुत संयोग सामने आ रहे हैं. वहीं नेपाल के डाक टिकट वाले इत्तेफाक से हर कोई हैरान है कि जिसने ये टिकट जारी किया वो विक्रम संवत और अंग्रेजी कैलेंडर का साल एकदम सेम कैसे है. 57 साल पहले किसी ने यह नहीं सोचा था कि साल 2024 में प्रभु श्रीराम अपने ही मंदिर में विराजमान होंगे.

वहीं राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ने वाले पक्षों और भक्तों का 550 साल का इंतजार अब खत्म होने वाला है. दिन ब दिन तारीख नजदीक आती जा रही है और 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इस बीच अहमदाबाद से चलकर एक नगाड़ा अयोध्या में लाया गया है.  इस नगाड़े से जो ध्वनि उत्पन्न होगी, उसकी अवाज सिंह(शेर) जैसी होगी और इस नगाड़े की ऊंचाई 56 इंच है.  इस नगाड़े की शोभा यात्रा भी निकाली गई है और अब इसे मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

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श्री राम के चरणों में होगा अष्टधातु से बना शंख
अष्टधातु से बने शंख को रामलला के चरणों में जगह दी जाएगी. वहीं अलीगढ़ में रहने वाले सत्य प्रकाश प्रजापति ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल को यह शंख समर्पित किया था. ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है कि प्रशंसा है बात है जहां जन्मस्थान है वहां पर रामलला विराजमान होंगे.