नई दिल्ली : आदमपुर उपचुनाव को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुरमीत राम रहीम को मिली पैरोल को लेकर हरियाणा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. राम रहीम रेप और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है, जिसे 14 अक्टूबर को 40 दिनों की पैरोल दी गई है. मालीवाल ने मनोहर सरका से पूछा है कि इतने खतरनाक शख्स को बार-बार पैरोल कैसे दी जा रही है. DCW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार तुरंत गुरमीत राम रहीम की पैरोल खत्म कर उसे जेल भेजे. 


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बुधवार को स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया-'कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को रेप और हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सज़ा दी है. क्यों ऐसे खतरनाक शख्स को बार-बार पैरोल दी जा रही है? वो पैरोल में प्रवचन और गाने बनाता है और हरियाणा सरकार के कुछ नेता ताली बजाते हैं, ‘भक्ति’ में लीन है. हरियाणा सरकार तुरन्त गुरमीत की पैरोल खत्म करे'




इधर स्वाति मालीवाल के ट्वीट के बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने कहा- पैरोल सुधार प्रक्रिया का वैधानिक अधिकार है. उसे (राम रहीम) कई बार पैरोल दी जा चुकी है. इस बार उसने पहली बार एक ऑनलाइन सत्संग दिया है. आइए कानून की एक प्रक्रिया बनाएं, जो इस तरह के चीजों को रोके. 


सीएम ने दिया जेल नियमों का हवाला 


डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पैरोल पर सवाल उठने के बाद हरियाणा सरकार को सामने आकर जवाब देना पड़ गया. सीएम मनोहर लाल ने कहा, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहते, इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. अदालतें कारावास की सजा देती हैं और एक दोषी जेल जाता है. उसके बाद जेल के नियम सभी कैदियों पर लागू होते है.



 


 'सत्संग' से पहले का क्रिमिनल बैकग्राउंड 
 2002 में अपने एक अनुयायी रंजीत सिंह और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या और दो महिला अनुयायियों से रेप के मामले में राम रहीम को 2017 में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था और 40 से ज्यादा लोग मारे गए थे. दोषी ठहराए जाने के बाद से गुरमीत राम रहीम छह बार पैरोल या फरलो पर रिहा हो चुका है. अगर चुनावी सीजन में मिलने वाली राहत की बात करें तो यह 8 महीने में तीसरी बार है, जब वह जेल से बाहर आया है. 


कब-कब गई गुरमीत की मेहरबानी 
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को 7 से 27 फरवरी के बीच फरलो दिया गया था. 20 फरवरी को वहां मतदान हुआ था. इसके बाद 17 जून को 30 दिनों के लिए राम रहीम को पैरोल दी गई थी. 2 दिन बाद 19 जून को हरियाणा में 46 नगर पालिकाओं के लिए मतदान हुआ था और तीसरी बार अब. इस दौरान हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. आदमपुर में 3 नवंबर को उपचुनाव और हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.