रोहतक: शहर में 26 साल पहले सिलसिलेवार हुए बम धमाकों के आरोपी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा केस से बरी हो जाएगा या उसे सजा सुनाई जाएगी, कोर्ट कल फैसला सुनाएगी. रोहतक में शुक्रवार को एडीजे राजकुमार यादव की अदालत में आरोपी के बयान दर्ज किए गए थे.


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सेंट्रल जेल अजमेर ( राजस्थान) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टुंडा की कोर्ट में पेशी हुई थी. उसने कहा था कि रोहतक में बम धमाकों से उसका कोई लेना-देना नहीं है. जांच अधिकारियों ने उसे झूठे केस में फंसाया है. अब सोमवार को दोनों पक्षों में बहस होगी. इसके बाद केस में फैसला आने की संभावना है. 


पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 1997 में रोहतक की पुरानी सब्जी मंडी में एक सब्जी विक्रेता की फड़ी पर अचानक धमाका हुआ था. इसमें कई सब्जी विक्रेता व ग्राहक घायल हो गए थे. पुलिस बम धमाके की जांच पड़ताल कर ही रही थी कि किला रोड पर एक रेहड़ी पर धमाका हो गया. इस संबंध में सिटी थाने में केस दर्ज किया गया था.


पिलखुआ गाजियाबाद का रहने वाला है 
तीन साल बाद मामले में दिल्ली पुलिस ने एक युवक आमिर खान को गिरफ्तार किया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि बम धमाकों में गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) की हापुड़ तहसील के गांव पिलखुआ निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का हाथ है, लेकिन उस समय खबर मिली कि अब्दुल करीम सऊदी अरब या पाकिस्तान जा चुका है. जांच एजेंसियों से पता चला कि टुंडा पाकिस्तान के कराची में है. 


2013 में दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार 
2013 में जब अब्दुल करीम नेपाल के रास्ते भारत आया तो उसे दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर गिरफ्तार कर लिया था. रोहतक पुलिस बाद में उसे दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर ले आई, तभी से उसके खिलाफ जिला अदालत में बम धमाकों का केस चल रहा है. अब्दुल करीम पर आरोप है कि पाकिस्तानी आतंकियों की मदद से उसने देश में 40 जगह धमाके किए थे.


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