पार्षदों ने की एक्सईएन को सस्पेंड करने की मांग, मेयर ने दी ये चेतावनी
रोहतक नगर निगम के मेयर और पार्षद अधिकारियों के सामने असहाय नजर आ रहे हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. आज रोहतक नगर निगम की आम बैठक में अधिकारियों पर मनमानी तथा बदतमीजी के आरोपों के चलते 2 पार्षदों ने तो अपना इस्तीफा ही सौंप दिया. इस बैठक में एक बरसात में शहर के इलाके डूबने का मुद्दा जोर-शोर से उठा और जमकर हंगामा हुआ और अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए गए.
राज टाकिया/रोहतक: आज यानी मंगलवार को नगर निगम की आम सभा की बैठक थी और यह पहले से ही तय था कि इस बैठक में जमकर हंगामा होने वाला है, क्योंकि 30 जून को हुई बरसात से लगभग सारा शहर पानी पानी हो गया था और अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगे थे. जैसे ही बैठक की शुरुआत हुई तो पार्षदों ने अधिकारियों पर अपनी मनमानी करने और बदतमीजी करने के आरोप लगा दिए और जमकर हंगामा हुआ. पार्षद डिंपल जैन ने पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन पर बदतमीजी का आरोप लगाया और सस्पेंड करने की मांग कर डाली. इस पर मेयर ने एक हफ्ते का समय मांगा, लेकिन पार्षद तुरंत कारवाई पर अड़ गए. कारवाई नहीं होने से गुस्साई डिंपल जैन ने मेयर को पार्षद पद से इस्तीफा दिया और बैठक से चली गई.
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इसके बाद मेयर और निगम कमिश्नर ने एक्सईएन पर कारवाई के लिए चंडीगढ़ पत्र लिखा. अब 10 दिन का समय दिया गया है. मेयर ने चेतावनी दी है की अगर अधिकारी पर कारवाई नहीं हुई तो वे खुद पार्षदों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे. वहीं 6 वार्ड से पार्षद सुरेश किराड़ का कहना है कि हम जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि हैं. अगर अधिकारी हमारे काम नहीं करेंगे तो हम जनता को क्या जवाब देंगे और यही नहीं अधिकारी तो फोन करते ही बदतमीजी पर उतारू हो जाते हैं. इसलिए उन्होंने मीटिंग छोड़ दी है और एक कमेटी के अध्यक्ष पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
वहीं रोहतक नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल भी कहीं न कहीं अधिकारियों की मनमानी के सामने असहाय नजर आए. उनका कहना है कि उनके पास अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए उन्होंने नगर निगम के कमिश्नर को इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही उनका कहना है कि कहीं न कहीं रोहतक शहर में जो बरसात की वजह से स्थिति बनी है, उसके पीछे अधिकारियों की लापरवाही है. वह इस बारे में भी सरकार को लिखकर भेजेंगे और पानी भरने की वजह से जिन लोगों का नुकसान हुआ है. इसका भी आकलन किया जाएगा और मुआवजे के लिए सिफारिश की जाएगी.
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